उभरते बाजारों में पैसा लगाने वाली दिग्गज कंपनी एशमोर ग्रुप का कहना है कि 2026 में भारतीय शेयर बाजार फिर से अच्छा कर सकता है। यह कंपनी सितंबर 2025 तक लगभग 48.7 अरब डॉलर की एसेट संभालती है। कंपनी के रिसर्च प्रमुख गुस्तावो मेडेरोस ने कहा कि 2025 में थोड़ी मंदी थी, लेकिन अब भारत की अर्थव्यवस्था फिर से मजबूत होती दिख रही है। लोग ज्यादा कर्ज ले रहे हैं, कारोबार में फिर से निवेश बढ़ रहा है और महंगाई भी कंट्रोल में है, इसलिए अगले साल ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय के लिए भारत पर थोड़ा दबाव रह सकता है, क्योंकि दुनिया के बड़े निवेशक चीन में पैसा लगा रहे हैं और भारत से पैसा निकाल रहे हैं। फिर भी उनका मानना है कि भारतीय शेयर अब सस्ती और अच्छी कीमत पर आ रहे हैं, इसलिए भारत फिर से निवेशकों की पसंद बन सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में दिख रही है। जुलाई से सितंबर 2025 के बीच भारत की जीडीपी 8.2% बढ़ी है, जो काफी तेज बढ़त मानी जाती है। इस बढ़त का सबसे बड़ा कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर है। यह सेक्टर 9.1% की दर से बढ़ा। अमेरिका की तरफ से नए टैक्स (टैरिफ) लगने की चिंता होने के बावजूद, भारत में फैक्ट्रियों का काम अच्छा चला। इससे साफ दिखता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और दुनिया की मुश्किल स्थितियों से निपटने की क्षमता रखती है।
एशमोर ग्रुप और गुस्तावो मेडेरोस का कहना है कि 2026 में उभरते बाजार (Emerging Markets) कई देशों में तेजी दिखाएंगे। सिर्फ कुछ ही नहीं, बल्कि एशिया, लैटिन अमेरिका, पूर्वी यूरोप और अफ्रीका जैसे बड़े क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था बेहतर होती दिख रही है। कई देशों ने अपनी नीतियां सुधारी हैं, पैसा संभालने की व्यवस्था मजबूत की है और उनकी अर्थव्यवस्था अच्छा काम कर रही है। इसी वजह से निवेशक इन देशों पर फिर से भरोसा करने लगे हैं और उनकी क्रेडिट रेटिंग भी बेहतर हो रही है।
गुस्तावो मेडेरोस बताते हैं कि लैटिन अमेरिका में अब ऐसी सरकारें बन रही हैं जो बाजार के लिए बेहतर मानी जाती हैं, जिससे वहां निवेश का खतरा कम हो सकता है और माहौल अच्छा बन सकता है। कई छोटे और कमजोर देश, जिन्हें फ्रंटियर मार्केट कहा जाता है, वे भी धीरे-धीरे स्थिर हो रहे हैं। इन सब वजहों से उम्मीद है कि 2026 में उभरते बाजार अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उनमें तेजी देखने को मिलेगी।
गुस्तावो मेडेरोस के अनुसार, दुनिया भर में भी 2026 का माहौल अच्छा दिख रहा है। एशमोर का कहना है कि अमेरिका की तरफ से बड़े टैक्स (टैरिफ) लगाने का खतरा अब पहले से कम हो गया है। इसके अलावा, दुनिया में AI पर बहुत पैसा लग रहा है, और चीन ने भी अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए निर्यात पर जोर देने की नई योजना बनाई है। ये दोनों बातें मिलकर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर डाल सकती हैं।
गुस्तावो मेडेरोस का मानना है कि इन कारणों से महंगाई कम हो सकती है, जिससे दुनिया भर के सेंट्रल बैंक ब्याज दरें घटाने का मौका पा सकते हैं। साथ ही, निवेशकों की नजर में अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी पहले जैसी ‘बहुत खास’ नहीं लग रही है और अमेरिकी डॉलर भी थोड़ा कमजोर हो रहा है। इन सभी वजहों से उम्मीद है कि 2025 की तरह 2026 में भी उभरते बाजारों में निवेश का माहौल अच्छा रहेगा।