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विश्लेषकों ने निफ्टी ईपीएस वृद्धि का अनुमान घटाया, 10 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी किया

अब तक 27 निफ्टी कंपनियों ने नतीजे जारी किए हैं, जिनमें 14 कंपनियों की आय एवं मुनाफा अनुमान के अनुरूप नहीं रहा।

Last Updated- October 29, 2024 | 11:00 PM IST
Stock Market

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनियों की आय उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने के बाद विश्लेषक अब निफ्टी 50 कंपनियों की आय वृद्धि के अनुमान में कटौती कर रहे हैं। विश्लेषकों ने आम सहमति से निफ्टी के लिए प्रति शेयर आय (ईपीएस) वृद्धि 10 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दी है।

विश्लेषकों को लगता है कि निफ्टी 50 कंपनियां वित्त वर्ष 2025 का समापन 1,000 रुपये के ईपीएस के साथ करेंगी जो वित्त वर्ष 2024 में 977 रुपये है। एक महीने पहले वित्त वर्ष 2025 के लिए ईपीएस का अनुमान तकरीबन 1,100 रुपये था।

वित्त वर्ष 2026 के लिए सितंबर तिमाही के नतीजों से पहले प्रति शेयर आय का अनुमान 1,244 रुपये था जिसे घटाकर अब 1,143 रुपये कर दिया गया है। अलग-अलग ब्रोकरेज के अनुमान थोड़े भिन्न हो सकते हैं। अब तक 27 निफ्टी कंपनियों ने नतीजे जारी किए हैं, जिनमें 14 कंपनियों की आय एवं मुनाफा अनुमान के अनुरूप नहीं रहा।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट संजीव प्रसाद, अनिंद्य भौमिक और सुनीता बल्दावा ने 27 अक्टूबर को एक नोट में कहा है, ‘वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमतर रहने और खपत आधारित क्षेत्रों में कंपनी प्रबंधन के बयान में नरमी के संकेत को देखते हुए निफ्टी 50 सूचकांक में शामिल शेयरों की आय अनुमान में कटौती की गई है। इसे देखते हम वर्तमान में निफ्टी 50 सूचकांक की कंपनियों की वित्त वर्ष 2025 में 5 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 में 17 फीसदी मुनाफा वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। बाजार में भी कंपनियों के कमजोर नतीजों का असर दिख रहा है। इससे मूल्यांकन में भी धीरे-धीरे बदलाव होगा।’

निफ्टी 50 सूचकांक में इस महीने 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। सूचकांक के शेयरों में इससे कम या ज्यादा (आय के आधार पर) गिरावट आई है। पिछली दो तिमाही में यूटिलिटी, औद्योगिक, फार्मा और दूरसंचार कंपनियों की ईपीएस में इजाफा किया गया था जबकि वाहन, एफएमसीजी और आईटी क्षेत्र की फर्मों के आय अनुमान में कटौती की गई है।

इनक्रेड इक्विटीज में इंस्टीट्यूशनल इक्विटी रिसर्च के प्रमुख प्रमोद आमठे ने पिछले हफ्ते नोट में कहा है, ‘निफ्टी 50 के ईपीएस में हालिया कटौती और अथर्व्यवस्था में उम्मीद से धीमी गति से सुधार को ध्यान में रखते हुए हमने निफ्टी 50 का लक्ष्य 3 फीसदी घटाकर 25,978 कर दिया है। प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एमएससीआई इंडिया का मूल्यांकन और निफ्टी मिडकैप की आय निराशाजनक रहने से शेयर भाव में तेज गिरावट आई है। अल्पावधि में हम बाजार के रुख को लेकर सतर्क हैं क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निफ्टी 50 की कमाई पहली छमाही के उलट रह सकती है।’

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर और कंपनियों के नतीजे निराशाजनक रहे तो ईपीएस अनुमान में आगे भी कटौती की जा सकती है।

First Published - October 29, 2024 | 10:52 PM IST

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