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वैकल्पिक निवेश फंडों ने दिसंबर में किया बेहतर प्रदर्शन

वैकल्पिक निवेश फंडों ने दिसंबर में बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले कमजोर रहा

Last Updated- January 17, 2024 | 10:10 PM IST
Fund

वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) ने उन फंडों के मुकाबले दिसंबर में बेहतर प्रदर्शन किया जिनमें निवेशक किसी भी समय बिकवाली कर सकते हैं। पीएमएसबाजार के आंकड़े के अनुसार, क्लोज-एंडेड योजनाओं का प्रतिफल दिसंबर में 5.62 प्रतिशत रहा। वहीं ओपन-एंडेड योजनाओं के लिए प्रतिफल 3.91 प्रतिशत था। बीएसई के सेंसेक्स और निफ्टी-50 सूचकांकों, दोनों ने दिसंबर में नए ऊंचे स्तर बनाए।

विश्लेषकों ने कैटेगरी-3 एआईएफ के लिए दिसंबर के मासिक प्रतिफल पर विचार किया है। इसमें लॉन्ग-ऑनली फंड समेत विभिन्न योजनाओं पर विचार किया गया, जो तेजी के बाजार में निवेश करती हैं और लॉन्ग-शॉर्ट फंडों (जो बाजार के किसी भी दिशा में जाने पर निवेश दांव लगा सकते हैं) की गणना की गई।

एआईएफ 1 करोड़ रुपये के न्यूनतम निवेश वालों के लिए एक प्रमुख निवेश विकल्प है। इसमें तीन श्रेणियां हैं। पहली श्रेणी सेबी के नियमों के अनुसार स्टार्टअप, सामाजिक उद्यमों, छोटे व्यवसायों और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करती है।

कैटेगरी-2 फंसे कर्ज से जुड़ी परिसंपत्तियों में निवेश करती है। कैटेगरी-3 में हेज फंड शामिल हैं जो शेयर बाजार को मात देने के लिए खास रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं।

लॉन्ग-शॉर्ट फंडों का प्रतिफल 1.44 प्रतिशत के साथ अन्य फंड कैटेगरी के मुकाबले कमजोर रहा। भले ही लॉन्ग-ऑनली फंडों ने 5.62 प्रतिशत प्रतिफल के साथ बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले इनका प्रदर्शन कमजोर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, कई हेज फंड रिटर्न प्रदान करने का प्रयास करते हैं जो मुख्य सूचकांक के समान अस्थिरता से जुड़े नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप तेजी के बाजार के दौरान उनका खराब प्रदर्शन हो सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिटेल इकाई आईसीआईसीआईडायरेक्ट की 29 दिसंबर की रिपोर्ट ‘मार्केट स्ट्रेटेजी 2024’ के अनुसार मजबूत जीडीपी वृद्धि और अन्य सकारात्मक बदलावें के बीच बाजार परिवेश आशाजनक बना हुआ है।

इसमें कहा गया है, ‘घरेलू तौर पर लगातार कॉरपोरेट आय वृद्धि, मजबूत जीडीपी वृद्धि, कमजोर जिंस कीमतों के साथ साथ वैश्विक तौर पर संभावित दर कटौती जैसे सकारात्मक बदलाव देखे गए हैं। इस तरह से, भविष्य में नकारात्मक की तुलना में ज्यादा सकारात्मक घटनाक्रम देखे जा सकते हैं।’

First Published - January 17, 2024 | 10:10 PM IST

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