Nifty IT Index Outlook: सितंबर 2025 तिमाही (Q2-FY26) के नतीजे उम्मीद के मुताबिक आने के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स ने अक्टूबर में जबरदस्त बढ़त दिखाई है। इस महीने अब तक इंडेक्स 7.3% चढ़ा है, जबकि निफ्टी 50 में 5.5% की बढ़त रही है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, जुलाई 2024 के बाद से यह आईटी इंडेक्स का सबसे अच्छा महीना रहा है।
अक्टूबर में अब तक इंफोसिस (Infosys) के शेयर 4.3%, टीसीएस (TCS) के 6.8%, और एचसीएल टेक (HCL Technologies) के 10.7% बढ़े हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी ज्यादा दिन टिकेगी नहीं, क्योंकि कमजोर ग्रोथ और अमेरिका द्वारा नए टैरिफ लगाने की आशंका से बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी. चोक्कलिंगम का कहना है कि आईटी सेक्टर की हालत फिलहाल कमजोर है। उनका कहना है कि कंपनियों की कमाई (revenue) बहुत धीरे बढ़ रही है। बड़ी आईटी कंपनियों के शेयर अब पहले की तरह तेजी से नहीं बढ़ेंगे। अब इनमें जल्दी मुनाफा या बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद कम है।
साल 2025 में अब तक निफ्टी आईटी इंडेक्स की कुल वैल्यू यानी मार्केट कैप करीब ₹7 लाख करोड़ घट गई है। इसका मतलब है कि इंडेक्स में करीब 16.5% की गिरावट आई है। इसके उलट, इसी समय निफ्टी 50 इंडेक्स 9.8% बढ़ा है।
अगर कंपनियों की बात करें तो इंफोसिस और टीसीएस के शेयरों में 20% से ज्यादा गिरावट आई है। वहीं विप्रो और एचसीएल टेक के शेयर 19%, और टेक महिंद्रा के शेयर 14% नीचे गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को अब बड़ी आईटी कंपनियों की बजाय मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश पर ध्यान देना चाहिए। जी. चोक्कलिंगम का मानना है कि 2014 से 2019 के बीच आईटी सेक्टर में कई कंपनियां आपस में जुड़ीं या बिक गईं (विलय और अधिग्रहण हुए)। अब जब विकास की रफ्तार (ग्रोथ) धीमी है, तो छोटी और मिड-कैप आईटी कंपनियां आगे बढ़ने के लिए बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि उनके पास काफी नकद पैसा (कैश रिजर्व) मौजूद है।
वहीं अनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सुशोवोन नायक का कहना है कि मिड-कैप कंपनियों में निवेश सोच-समझकर करना चाहिए। उनके अनुसार, Persistent Systems जैसी कंपनियां जो GenAI (जेनरेटिव एआई) की मदद से तेजी से काम बढ़ा रही हैं, अभी के समय में मजबूत स्थिति में हैं।
इंफोसिस ने इस तिमाही में मुनाफा और राजस्व दोनों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। कंपनी ने पूरे साल के लिए अपनी राजस्व गाइडेंस 1–3% से बढ़ाकर 2–3% कर दी है। विप्रो और टीसीएस ने भी राजस्व में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उनका नेट प्रॉफिट (मुनाफा) उम्मीद से कम रहा। वहीं एचसीएल टेक ने अपने गाइडेंस (भविष्य के अनुमान) को बढ़ाया और बेहतर नतीजे दिए। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा की ग्रोथ (विकास) धीमी रही।
गोल्डमैन सैक्स के विशेषज्ञों ने कहा कि मांग में सुधार के शुरुआती संकेत तो मिल रहे हैं, लेकिन 2026 के लिए विकास की तस्वीर अभी भी साफ नहीं है। उनका कहना है कि एआई (AI) की वजह से बढ़ती उत्पादकता (productivity) से कंपनियों के वैल्यूएशन (valuation) पर दबाव पड़ सकता है, यानी शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी सीमित रह सकती है।
सुशोवोन नायक का कहना है कि इस समय बड़ी आईटी कंपनियां संतुलित स्थिति में हैं। ज्यादातर कंपनियों को उम्मीद है कि साल का दूसरा आधा हिस्सा (यानी आने वाली तिमाहियां) पहले से बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ग्लोबल एआई इकोसिस्टम के बढ़ने से आईटी कंपनियों को फायदा मिल सकता है। नायक के मुताबिक, एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree), इंफोसिस (Infosys) और एचसीएल टेक (HCL Tech) इस सेक्टर में सबसे बेहतर विकल्प हैं।