facebookmetapixel
Midwest IPO Allotment: 88 गुना बुक होने के बाद अलॉटमेंट फाइनल, एक क्लिक में चेक करें स्टेटस; GMP से तगड़े संकेतiPhone की दीवानगी ने सेकंड हैंड बाजार में भी मचाई धूम, बना भारतीय खरीदारों की पहली पसंदDiwali 2025: पीएम मोदी ने दी दिवाली की शुभकामनाएं, मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स अपनाने की अपीलNSE Holidays 2025: शेयर बाजार 21 और 22 अक्टूबर को नहीं होगा कारोबार, दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग का समय घोषितStocks to watch, Oct 20: HDFC Bank से लेकर ICICI Bank और RIL तक, आज इन स्टॉक्स पर रखें नजरStock Market Update: बंपर तेजी के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 600 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25900 के पारओवैसी की एआईएमआईएम ने 25 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कीमाइक्रो ड्रामा को गंभीरता से लेना क्यों है अहम; छोटे, तेज और ज्यादा आकर्षकविदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा: मूल्यांकन लाभ से बढ़ेंगे भारत के रिजर्व26 लाख दीयों से जगमग हो उठी अयोध्या नगरी, दीपोत्सव का बना नया विश्व रिकॉर्ड

छोटे शेयरों के लिए बुरा रहा 2022-23, बड़ी कंपनियों के मुकाबले हुआ ज्यादा नुकसान

तेज महंगाई, रूस-यूक्रेन युद्ध और उच्च ब्याज दरों जैसे नकारात्मक कारकों ने छोटे शेयरों से निवेशकों को दूर किया।

Last Updated- March 30, 2023 | 6:30 PM IST
Stock Market Today

छोटे शेयरों के लिए वित्त वर्ष 2022-23 बुरा रहा है और इस दौरान ‘स्मॉल कैप’ शेयर, सेंसेक्स के मुकाबले ज्यादा कमजोरी दर्शाते हुए करीब छह फीसदी टूट गए। बाजार विश्लेषकों के अनुसार भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक उथल-पुथल भरा साल था।

उच्च ब्याज दर, तेज महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई नकारात्मक कारकों का असर शेयर बाजारों पर हुआ। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारतीय शेयर बाजार के लिए पहली तिमाही को कठिन बना दिया था। हालांकि, दूसरी और तीसरी तिमाही में कुछ सुधार देखने को मिला। तेज महंगाई, रूस-यूक्रेन युद्ध और उच्च ब्याज दरों जैसे नकारात्मक कारकों ने छोटे शेयरों से निवेशकों को दूर किया।

चालू वित्त वर्ष में सिर्फ एक दिन का कारोबार बचा है, और अब तक BSE स्मॉलकैप सूचकांक 1,616.93 अंक या 5.73 फीसदी गिर चुका है। वित्त वर्ष 2022-23 में मिडकैप 270.29 अंक या 1.12 फीसदी टूटा। इसकी तुलना में BSE सेंसेक्स में 608.42 अंक या 1.03 फीसदी की गिरावट हुई।

इक्विटी एडवाइज़र मार्केट्समोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय शेयर बाजार के खराब प्रदर्शन में कई कारकों का योगदान रहा। इससे पहले 2020-21 और 2021-22 में बाजार का प्रदर्शन उल्लेखनीय रूप से अच्छा था और निफ्टी तथा सेंसेक्स ने दो अंक में प्रतिफल दिया। दो साल अच्छा प्रदर्शन रहने कारण, तीसरे साल कुछ मुनाफावसूली अपरिहार्य है।’

उन्होंने कहा कि 2022-23 में हमने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विपरीत हालात का सामना किया, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई। इसके अलावा दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने मुद्रास्फीति को रोकने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी।

दमानिया ने कहा, ‘हमने पहले भी देखा है कि जब ब्याज दरें बढ़ने लगती हैं, तो मिडकैप और स्मॉलकैप कमजोर प्रदर्शन करते हैं। उधार की उच्च लागत को चुकाने की उनकी क्षमता बड़ी कंपनियों जितनी मजबूत नहीं होती है।’

स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सुरक्षा चाहते हैं और शेयर बाजार में स्मॉलकैप कंपनियों को जोखिम भरे निवेश के रूप में देखा जाता है।

First Published - March 30, 2023 | 6:30 PM IST

संबंधित पोस्ट