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रिसर्च में हुआ खुलासा, छोटे तारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों में हो सकता है जीवन

Last Updated- May 30, 2023 | 4:37 PM IST

समूची आकाशगंगा (Galaxy) में तारों की परिक्रमा करने वाले एक तिहाई ग्रहों पर तरल अवस्था में पानी और जीवन होने की संभावना है। हाल में किए गए टेलीस्कोपीय आंकड़ों पर आधारित अध्ययन से यह जानकारी मिली। हमारी आकाशगंगा में जो सबसे आम तारे हैं वे सामान्यत: सूर्य के आकार की तुलना में छोटे और ठंडे होते हैं।

अरबों ग्रह इन आम छोटे तारों की परिक्रमा करते हैं। यह विश्लेषण ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है जो दर्शाता है कि इन छोटे तारों के चक्कर काटने वाले दो तिहाई ग्रह चरम ज्वारीय स्थिति से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि एक तिहाई ग्रहों (आकाशगंगा के लाखों ग्रहों) पर जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं।

अमेरिका में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (यूएफ) में डॉक्टरेट की छात्रा शीला सगीर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह परिणाम वास्तव में अगले दशक के अन्य तारों के ग्रहों के अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।’ सगीर ने एक बयान में कहा, ‘ये तारे उन छोटे ग्रहों की खोज का उत्कृष्ट जरिया हो सकते हैं जहां पानी तरल अवस्था में मौजूद हो सकता है और इसलिए संभवत: उस ग्रह पर जीवन की संभावना हो सकती है।’

सगीर और यूएफ की खगोल प्रोफेसर सारा बलार्ड ने ‘एम ड्वार्फ स्टार्स’ के आसपास के 150 से अधिक उन ग्रहों की कक्षीय विकेन्द्रता का अध्ययन किया जो बृहस्पति के आकार के बराबर हैं। किसी खगोलीय पिंड की कक्षीय विकेन्द्रता उसकी कक्षा के एक पूर्ण वृत्त से विचलन का माप होता है। यह कक्षा जितनी अधिक अंडाकार होती है, ग्रह उतने अधिक विकेंद्रित होते हैं।

ग्रह अपनी अनियमित कक्षा में बदलते गुरुत्वाकर्षण बलों से फैलते और अपना स्वरूप बदलते रहते हैं और घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है। ऐसे में चरमोत्कर्ष पर पहुंचने से ग्रह अत्यंत गर्म हो सकता है और उस पर पानी होने की हर संभावना खत्म हो सकती है। अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने नासा के केपलर टेलीस्कोप से प्राप्त आंकड़े का इस्तेमाल किया जो अन्य तारों के बारे में सूचना एकत्र करता है।

First Published - May 30, 2023 | 4:37 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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