पुणे की जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि ओमीक्रॉन स्वरूप के खिलाफ उसके एमआरएनए आधारित कोविड-19 बूस्टर टीके (जेमकोववैक-ओएम) को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई)से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी ने दावा किया कि जेमकोववैक-ओएम कोविड-19 के खिलाफ पहला बूस्टर टीका है जिसे ओमिक्रॉन स्वरूप के खिलाफ भारत में विकसित किया गया है। एक वर्चुअल प्रेस वार्ता में जेनोवा बॉयोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी संजय सिंह ने कहा कि नैदानिक परीक्षण के दौरान बूस्टर टीका ने करीब 3000 लोगों में जबरदस्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदर्शित की है। यह परीक्षण 13 शहरों के 20 केंद्रों पर किया गया।
उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान टीका सुरक्षित साबित हुआ जिसके कारण एक भी दुष्प्रभाव का मामला नहीं मिला, जबकि इसकी गुणवत्ता भी शानदार रही। कंपनी की ओर से कहा गया कि कोवैक्सीन या कोविशिल्ड की दो खुराक ले चुके लोगों को बूस्टर टीका लगाया जा सकता है।
यह भी कहा गया कि टीका दो से आठ डिग्री सेल्सियस के ताप पर स्थिर रहता है। यह एक इंट्राडर्मल टीका है जिसको एक सूई रहित उपकरण से दिया जाता है जिसे ‘ट्रोपिस’ कहते हैं। ‘ट्रोपिस’ का विकास अमेरिकी कंपनी फार्मा जेट ने किया है।