प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
स्वास्थ्य देखभाल निकाय नैटहेल्थ ने इस क्षेत्र के लिए 5 प्रतिशत जीएसटी इनपुट स्लैब मानकीकृत करने की मांग की है। इसके अलावा निकाय ने जीएसटी आउटपुट भुगतान लागू होने की स्थिति में प्रदाताओं को इनपुट क्रेडिट का दावा करने की अनुमति देने की मांग की है।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीवाली तक जीएसटी सुधार करने की बीते सप्ताह घोषणा की थी। इस सुधार का लक्ष्य कर दरों को घटाना, जीएसटी के अनुपालन को सरल बनाना व आधुनिक बनाना है ताकि आसानी से और आगे बढ़े। नैटहेल्थ ने कहा कि जीएसटी को तार्किक बनाने से कई उद्योगों दक्षता व लागत बढ़ी है। हालांकि इसके दायरे से स्वास्थ्य देखभाल व्यापक रूप से बाहर रहा है। इस उद्योग निकाय ने कहा कि हालिया ढांचे ने सेवा प्रदाताओं के लिए लागत को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा दिया है। लिहाजा 5 प्रतिशत जीएसटी इनपुट की स्लैब महत्त्वपूर्ण है।
इसी क्रम में निकाय ने दावा किया कि अस्पताल और डाइनोस्टिक प्रदाता आवश्यक वस्तुओं में शामिल मेडिकल उपकरणों व इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं से ठेके पर रखे जाने वाले श्रमिकों, रखरखाव व महत्त्वूपर्ण सेवाओं पर इनपुट का दावा नहीं कर पाते हैं। निकाय ने कहा, ‘आज ब्लॉक किए गए क्रेडिट जीएसटी से पूर्व के दौर से अधिक हैं। इससे लागत बढ़ गई है जो उजागर नहीं होती है। इसके अलावा आवश्यक सेवाओं जैसे ठेके पर रखे जाने वाले मानवश्रम की सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। यह सेवा मानव श्रम पर अत्यधिक निर्भर करती है और आसानी से लोगों को नौकरी पर रखने को हतोत्साहित करता है।’