विविध

WHO ने 3 कफ सिरप के खिलाफ चेताया, बच्चों की मौतों के बाद अलर्ट जारी किया

इन सिरपों में कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ शामिल हैं। इनका निर्माण क्रमशः श्रीसन फार्मास्युटिकल, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स और शेप फार्मा द्वारा किया गया है

Published by
संकेत कौल   
Last Updated- October 14, 2025 | 10:18 PM IST

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में लगभग दो दर्जन बच्चों की मौतों का कारण बनने वाले तीन कफ सिरप के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी किया है। संगठन ने दुनिया भर के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों से आग्रह किया गया है कि यदि उनके देश में इस सिरप की मौजूदगी पाई जाती है तो फौरन उसे सूचित करें। इन सिरपों में कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ शामिल हैं। इनका निर्माण क्रमशः श्रीसन फार्मास्युटिकल, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स और शेप फार्मा द्वारा किया गया है।

ये तीनों कफ सिरप उस समय विवादों में ​घिर गए जब उनमें डाइएथीलीन ग्लाइकॉल का उच्च स्तर पाया गया, जो एक औद्योगिक ग्रेड का दूषित पदार्थ है। यह पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए विषैला है और इसका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘इस अलर्ट में उल्लिखित दूषित ओरल लिक्विड दवाएं असुरक्षित हैं और इनका उपयोग खासकर बच्चों में, गंभीर चोट या मृत्यु का कारण बन सकता है।’

वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने स्वास्थ्य पेशेवरों को इन घटिया उत्पादों का पता लगने और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की घटना या अपेक्षित प्रभाव की कमी की सूचना के बारे में अपने राष्ट्रीय नियामक अधिकारियों अथवा इस क्षेत्र से जुड़ी एजेंसियों को देने की भी सलाह दी है। निकाय ने वि​भिन्न देशों और क्षेत्रों की आपूर्ति श्रृंखलाओं की निगरानी बढ़ाने का भी आह्वान किया है। अलर्ट में सोमवार देर रात कहा गया, ‘अनौपचारिक/अनियमित बाजार की निगरानी बढ़ाने की भी सलाह दी जाती है।’

यह अलर्ट केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से डब्ल्यूएचओ को इस बारे में सूचित करने के बाद जारी किया गया है कि दूषित दवाएं भारत से निर्यात नहीं की गई हैं।

अलर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में इन सिरप के अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है। संबंधित राज्य प्राधिकरणों ने आरोपी कंपनियों के इस सिरप के उत्पादन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। वहीं संबंधित राज्य प्राधिकरणों द्वारा दूषित उत्पादों की बाजार से वापसी शुरू कर दी गई है। अलर्ट में कहा गया है, ‘फिर भी डब्ल्यूएचओ राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों को लक्षित बाजार की निगरानी बढ़ाने की सलाह देता है।’

First Published : October 14, 2025 | 10:12 PM IST