अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की रफ्तार थम गई है। कीमतें लगभग एक महीने के निचले स्तर के आसपास टिक गई हैं। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि अमेरिकी बैंक (फेडरल रिजर्व) अभी ब्याज दरें घटाने के मूड में नहीं है, इसलिए सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।
सोने की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद अब कम हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना करीब $3,940 प्रति औंस पर ट्रेड हो रहा है, जो अक्टूबर की शुरुआत के बाद सबसे निचला स्तर है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अब 2025 में शायद और ब्याज दरें नहीं घटेंगी। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान के बाद दिसंबर में ब्याज दर में कटौती की संभावना 90% से गिरकर सिर्फ 69% रह गई है।
अजय केडिया के मुताबिक, चीन सरकार ने गोल्ड बेचने वालों को मिलने वाली टैक्स छूट खत्म कर दी है। इस फैसले से सोने की खरीदारी कम हो सकती है, क्योंकि अब रिटेलर को ज्यादा टैक्स देना होगा। उन्होंने बताया कि इसका असर खासकर एशियाई बाजारों में दिखेगा, जहां सोने की सबसे ज्यादा खपत होती है। इससे मांग घटने और कीमतों पर दबाव बढ़ने की संभावना है।
हालांकि, अजय केडिया का कहना है कि दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता और बाजार में बढ़ते जोखिम के कारण निवेशक अब भी सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven) मानते हैं। उनके मुताबिक, जब तक बाजार में डर और अस्थिरता बनी रहेगी, सोना निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प बना रहेगा। यानी, अगर हालात बिगड़ते हैं, तो सोने की कीमतों में फिर से बढ़त देखने को मिल सकती है।