ताज होटल्स चलाने वाली इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी की कमाई और मुनाफा थोड़ा बढ़ा है, लेकिन यह बाजार की उम्मीद से कम रहा। इसी वजह से नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि IHCL का शेयर बेच देना चाहिए (Reduce रेटिंग)। नुवामा ने बताया कि अगले 12 महीनों में इस शेयर का भाव करीब ₹636 तक जा सकता है, जबकि अभी यह करीब ₹743 पर है। यानी आगे चलकर शेयर में गिरावट आ सकती है।
इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) की कुल आय 12% बढ़कर ₹2,041 करोड़ हो गई है। कंपनी का ऑपरेटिंग मुनाफा (EBITDA) 14% और शुद्ध लाभ (PAT) 15% बढ़ा है। हालांकि, होटल कारोबार में बढ़त सिर्फ 7% रही। कंपनी ने बताया कि भारी बारिश, फ्लाइट की दिक्कतें, विदेशों में तनावपूर्ण हालात और कुछ बड़े होटलों में मरम्मत का काम चलने के कारण कारोबार पर असर पड़ा। इनमें ताज पैलेस दिल्ली, प्रेसिडेंट मुंबई और फोर्ट अगुआडा गोवा जैसे होटल शामिल हैं। कंपनी की RevPAR (प्रति कमरे से होने वाली आमदनी) में भी हल्की गिरावट आई क्योंकि कमरों के किराए (ARR) घटे। यह पिछले तीन सालों में सबसे धीमी वृद्धि रही है।
भारत में IHCL के ज्यादातर होटल्स का प्रदर्शन कमजोर रहा। कंपनी के रूम रेवेन्यू (कमरों से कमाई) में 1% की गिरावट आई, जबकि फूड एंड बेवरेज (F&B) से आमदनी में करीब 2% की बढ़ोतरी हुई। कंपनी का TajSATS, जो उसका कैटरिंग बिजनेस है, बेहतर प्रदर्शन करता रहा। इसकी आय 14% बढ़ी, लेकिन मुनाफे का अनुपात यानी EBITDA मार्जिन थोड़ा घटकर 24.2% रह गया।
विदेशी कारोबार की बात करें तो ब्रिटेन (UK) और अमेरिका (US) के होटल्स का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। लंदन में होटल्स के नवीनीकरण के बाद कारोबार बढ़ा, लेकिन कुल मिलाकर कंपनी को विदेशी कारोबार से ₹4 करोड़ का घाटा हुआ। पिछली तिमाही में कंपनी को इस सेगमेंट से मुनाफा हुआ था।
इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) लगातार अपने होटल नेटवर्क का विस्तार कर रही है। फिलहाल कंपनी के पास कुल 435 होटल्स हैं, जिनमें 50,000 से ज्यादा कमरे शामिल हैं। इनमें से 268 होटल्स पहले से चालू हैं। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही (H1FY26) में कंपनी ने 46 नए होटल्स के लिए समझौते किए और 26 नए होटल्स की शुरुआत भी की। IHCL ने बताया कि वह आगे भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार पर ध्यान देगी। कंपनी का Taj Frankfurt होटल इस वित्त वर्ष (FY26) के अंत तक शुरू करने की योजना में है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि IHCL का हालिया प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा है। इसी वजह से ब्रोकरेज हाउस ने कंपनी की आय और मुनाफे के अनुमान को घटा दिया है। वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए आय में 1.4% और मुनाफे में 4.6% की कटौती की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वैल्यूएशन और नए अनुमानों को ध्यान में रखते हुए नुवामा ने IHCL का टारगेट प्राइस ₹648 से घटाकर ₹636 कर दिया है। नुवामा का मानना है कि कंपनी का प्रदर्शन निकट भविष्य में सीमित रह सकता है, इसलिए निवेशकों को इस समय सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है।
(डिस्क्लेमर: यहां सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधित फैसले करने से पहले अपने एक्सपर्ट से परामर्श कर लें।)