प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश में 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत दिवस मनाया जाएगा। केंद्र सरकार हर साल अप्रैल के अंतिम दिन को अपनी महत्त्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह आयोजन करती है। इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) के तहत गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है। पिछले साल 29 अक्टूबर को इसमें 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल कर लिया गया।
एबी-पीएमजय के तहत अभी तक 15 से 29 वर्ष की आयु के लोगों को अधिकतम 28 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। इसके बाद 30-44 वर्ष के आयु वर्ग को 27 प्रतिशत एवं 45-59 वर्ष की उम्र के लाभार्थियों को 22 प्रतिशत कार्ड दिए गए हैं। इसके अलावा 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की हिस्सेदारी भी 15 प्रतिशत पहुंच चुकी है।
आयुष्मान भारत पोर्टल पर उपलब्ध आकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज के लिए आधे से अधिक लोग 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के आए, जबकि 15-44 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थियों का आकड़ा 44 प्रतिशत रहा।
तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान के अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से सबसे अधिक लोगों ने इलाज कराया है, जिनमें क्रमशः 90.4 लाख, 66 लाख और 57.4 लाख मरीज शामिल हैं। इसी साल ओडिशा और दिल्ली भी इस योजना में शामिल हो चुके हैं। अब पूरे देश में केवल पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है, जहां यह लागू नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि इस योजना के तहत सूचीबद्ध 36,118 अस्पतालों में से 90 प्रतिशत ऐसे हैं जिनमें बेड की संख्या 100 या उससे कम है, जबकि 80 प्रतिशत अस्पतालों में बेड क्षमता 50 या उससे कम है।
आयुष्मान भारत योजना गरीबों तक आसानी से स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हालांकि, सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा बढ़ाने की सख्त जरूरत है।