शेयर बाजार

मुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स व निफ्टी लगातार 8वें साल लाभ में रहे, आगे भी तेजी के आसार

सेंसेक्स 63 अंक की तेजी के साथ 84,426 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 26 अंक चढ़कर 25,869 पर बंद हुआ

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सुन्दर सेतुरामन   
खुशबू तिवारी   
Last Updated- October 21, 2025 | 10:23 PM IST

हिंदू कैलेंडर वर्ष संवत 2082 की शुरुआत के मौके पर शेयर बाजार में आज एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया गया जिसमें सूचकांक मामूली लाभ के साथ बंद हुए। लगातार 8वें साल बेंचमार्क सूचकांक विशेष सत्र में बढ़त पर बंद हुए।

सेंसेक्स 63 अंक की तेजी के साथ 84,426 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 26 अंक चढ़कर 25,869 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक एक साल के नए उच्च स्तर पर बंद हुए। निफ्टी मिडकैप 0.1 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 0.5 फीसदी लाभ में रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 3,023 शेयर बढ़त में और 954 गिरावट में बंद हुए। निफ्टी पीएसयू बैंक और रियल्टी सूचकांक को छोड़कर सभी सूचकांक लाभ में रहे।

नए हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत पर स्टॉक एक्सचेंज हर साल एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करते हैं। आम तौर पर यह सत्र शाम के समय होता था मगर इस साल मुहूर्त के हिसाब से दोपहर में ही विशेष सत्र आयोजित किया गया।

बाजार ने संवत 2082 में बढ़त के साथ प्रवेश किया है। इस बीच सोने और चांदी की कीमतों में लगातार दूसरे साल तेजी रही।

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा, ‘संवत 2081 के दौरान भू-राजनीतिक चुनौतियों के कारण शेयरों का प्रदर्शन अन्य परिसंपत्ति वर्ग की तुलना में कमजोर रहा। संवत 2082 में संभावनाएं बेहतर दिखाई दे रही हैं।’

बंबई स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुंदररामन राममूर्ति ने कहा, ‘नया संवत सकारात्मक रहेगा। वाहन बिक्री, खपत में तेजी और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में सुधार सतत विकास की ओर इशारा करते हैं। मुझे विश्वास है कि यह वृद्धि जारी रहेगी। अगला लक्ष्य भारत का बाजार पूंजीकरण 500 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार ले जाना होगा।’

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण फिलहाल 471 लाख करोड़ रुपये है जो 27 सितंबर, 2024 के रिकॉर्ड उच्च स्तर 478 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम है। फिलहाल सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से 1.6 फीसदी और निफ्टी 1.3 फीसदी नीचे है।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘सूचकांकों में गिरावट के पीछे अमेरिकी शुल्क सहित कई कारकों ने भूमिका निभाई लेकिन प्रमुख कारण आय वृद्धि में तेज गिरावट थी, जो पिछले तीन वर्षों में औसतन 24 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 5 फीसदी रह गई।’

हालांकि मूल्यांकन अभी भी ऊंचा बना हुआ है और निफ्टी एक वर्ष की अग्रिम आय के 20.7 गुना पर कारोबार कर रहा है जो इसके 10 वर्ष के औसत 18.3
गुना से 13 फीसदी अधिक है।

First Published : October 21, 2025 | 10:16 PM IST