स्वास्थ्य

कोवीशील्ड के बाद अब आई कोविड-19 के नए वेरिएंट FLiRT की खबर, रिपोर्ट ने बताया कितना होगा असर; क्या हैं लक्षण

IDSA की रिपोर्ट में बताया गया कि KP.2 और KP 1.1 सहित कई वेरिएंट्स ओनिक्रॉन JN.1 के नए म्यूटेशन हैं जो उन्हें पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हैं।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- May 05, 2024 | 4:23 PM IST

Covid variant FLiRT: हाल ही में आपने सुना होगा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बनाई गई वैक्सीन कोवीशील्ड को लेकर विवाद चल रहा है कि उसे लगाने से कुछ लोगों को थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। TTS की बीमारी होने के बाद माना जाता है कि शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं हार्ट बीट या स्ट्रोक की समस्या हो सकती है या फिर प्लेटलेट्स गिरने लगती है। इसी बीच एक और बड़ी खबर यह भी आ गई है कि कोविड-19 कि कोविड-19 के वेरिएंट ओमिक्रॉन JN.1 के भीतर ही एक नया समूह आ गया है और उसका नाम है FLiRT।

क्या FLiRT खतरनाक वेरिएंट? कितना होगा असर

इन्फेक्सियस डिजीज सोसाइटी ऑफ अमेरिका (IDSA) की रिपोर्ट में बताया गया कि KP.2 कोविड-19 के SARS-CoV-2 वेरिएंट के ग्रुप JN.1 वंश का मेंबर है, जिसे कभी-कभी ‘FLiRT’ वेरिएंट कहा जाता है। KP.1.1 सहित दूसरे FLiRT वेरिएंट अमेरिका में फैल रहे हैं, लेकिन अभी तक KP.2 जितना ज्यादा नहीं फैल पाया है। KP.1.1 को मौजूदा समय में अमेरिका में लगभग 7.5 फीसदी नई COVID-19 बीमारियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि आपको कोविड-19 वायरस के खिलाफ जो वैक्सीन लगाई गई थी, उसका असर अभी भी बरकरार है। आपको घबराने की जरूरत नहीं है। गंभीर कोविड-19 को रोकने में वैक्सिनेशन अभी भी प्रभावी है। आपको जो वैक्सीन लगी थी, उसमें हर्ड इम्युनिटी थी, यानी वह आपके अंदर आने वाले कोविड वायरस को तुरंत पहचान सकती थी और उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित कर सकती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेटेस्ट SARS-CoV-2 वैक्सीन के साथ एंटीबॉडी का प्रोडक्शन करता है और JN.1 को पहचान सकता है।

क्या है SARS-CoV-2 का KP.2 वेरिएंट

KP.2 और KP 1.1 सहित कई वेरिएंट्स ओनिक्रॉन JN.1 के नए म्यूटेशन हैं जो उन्हें पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हैं। IDSA ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका में KP.2 के कारण होने वाली बीमारियों का अनुपात तेजी से बढ़ रहा है। 30 मार्च के सप्ताह के दौरान यह अनुमान लगाया गया था कि इस वेरिएंट से बीमारियों में 3.9% फीसदी का इजाफा हो रहा है, जबकि 27 अप्रैल, 2024 के सप्ताह के दौरान यह बढ़कर 24.9% हो गया है।

रिपोर्ट में कहा गया, ’30 अप्रैल 2024 तक, SARS-CoV-2 ओमिक्रॉन वेरिएंट JN.1 का अमेरिका में तेजी से प्रसार हो रहा है, JN.1 और इसके सबवेरिएंट अमेरिका में ज्यादातर बीमारियों का कारण बनते हैं। CDC Nowcast का अनुमान है कि अमेरिका में लगभग 25 फीसदी नई कोविड​​​​-19 बीमारियों के लिए तेजी से उभरता हुआ ओमिक्रॉन JN.1 का वंशज यानी KP.2 जिम्मेदार है। इसे JN.1.11.1.2 भी कहा जाता है।

FLiRT के लक्षण

जैसा कि यह भी SARS-CoV-2 का ही एक वेरिएंट है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके संक्रमण से गला खराब होना, खांसी, नाक बहना, सिरदर्द और बुखार जैसी बीनारियां हो सकती हैं। हालांकि वैक्सीन के असर से इनके प्रभाव कम दिखेंगे। यह अभी अमेरिका में ही फैला हुआ है। स्टडी जारी है। ऐसे में अभी घबराने की जरूरत नहीं है और भारत में FLiRT वेरिएंट के कोई भी मरीज अभी तक नहीं मिले हैं।

कोवीशील्ड वैक्सीन को लेकर क्या है विवाद?

कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद ब्रिटेन की कोर्ट में माना था कि इस वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है यानी 10,000 में शायद किसी एक को हो। जिसके बाद डॉक्टरों ने सलाह भी देनी शुरू की इससे घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन कई सवालों के चलते सुप्रीम कोर्ट में कोवीशील्ड की जांच के लिए एक याचिका दाखिल की गई।

First Published : May 5, 2024 | 4:23 PM IST