facebookmetapixel
H1B visa fee: ‘स्टेटस’ बदलवाने पर नहीं लगेगा शुल्कसाने ताकाइची जापान की पहली महिला पीएम, शिगेरु इशिबा का स्थान लियासंवत 2081 में व्यापार पर टकराव से रुपये पर आया दबाव, 4.36% तक टूटासंवत 2082 में दर कटौती और व्यापार वार्ता से तय होगी रुपये व बॉन्ड की चालसरकार के उपायों से बल, बैंकों के ऋण वितरण में दूसरी छमाही में दिखेगी रफ्तारदीवाली पर बिक्री 5.40 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, स्वदेशी वस्तुओं की मांग ज्यादामुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स व निफ्टी लगातार 8वें साल लाभ में रहे, आगे भी तेजी के आसारकारोबार में अस्थायी रुकावट का अर्थ कारोबारी गतिवि​धि बंद होना नहीं: सुप्रीम कोर्टएचसीएलटेक बनी सबसे तेजी से बढ़ने वाली आईटी सेवा कंपनी, दूसरी तिमाही में 4.6% वृद्धि दर्ज कीस्काई एयर को ड्रोन के जरिये 3 लाख ऑर्डर डिलिवरी की उम्मीद

देश में कैंसर के 5 में से 3 मरीजों की गई जान

मालूम हो कि भारत कैंसर और इससे जुड़ी मौत के मामले में दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है।

Last Updated- March 02, 2025 | 10:40 PM IST
Cancer Detection

इस साल के बजट में कैंसर के खिलाफ जंग के लिए कई ऐलान किए गए हैं। इनमें बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए सभी जिला अस्पतालों में तीन साल के भीतर देखभाल केंद्रों की स्थापना और इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को सीमा शुल्क में पूरी तरह छूट देना शामिल है। मालूम हो कि भारत कैंसर और इससे जुड़ी मौत के मामले में दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक शोध के अनुसार साल 2022 में कैंसर से जूझ रहे हर तीन लोगों में से एक की मौत हुई। ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकैन) के आंकड़ों से पता चलता है कि कैंसर के मरीजों के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे नंबर पर आता है। यह डेटा द लैंसेट रीजनल हेल्थ-साउथ एशिया में प्रकाशित हुआ है।वर्ष 2022 में भारत का मृत्यु और मामलों का अनुपात (कैंसर के मामलों की तुलना में इससे होने वाली मौतों की दर) 64.47 प्रतिशत दर्ज किया गया था।

यह सबसे अधिक कैंसर घटनाओं वाले शीर्ष 10 देशों में सबसे अधिक है। इंडोनेशिया में यह अनुपात 58.66 प्रतिशत, चीन में 50.57 प्रतिशत और रूस में 47.34 प्रतिशत दर्ज किया गया। अमेरिका में सबसे अधिक लोग कैंसर के मरीज हैं, लेकिन वहां मृत्यु दर-घटना अनुपात भारत ही नहीं, अन्य देशों से भी काफी कम 23.81 प्रतिशत है। भारत में 2022 में कैंसर से 889,742 लोगों की मौत हुई थी। यह चीन (23.2 लाख मौत) के बाद दुनिया में सबसे अधिक मौत की घटनाएं हैं।

देश में नए मामलों में बड़े ही चौंकाने वाले आंकड़े आ रहे हैं और महिलाओं में स्तन के कैंसर के सबसे अधिक 31.1 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर (19.6 प्रतिशत) और ऑवेरियन कैंसर (7 प्रतिशत) चिंता का सबब हुआ है। ऑवरी या डिम्बग्रंथि स्त्री जननांग या प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है जो गर्भाशय के दोनों ओर बादाम के आकार में होती है। लैंसेट के अध्ययन के अनुसार देश में ब्रेस्ट कैंसर से 24 प्रतिशत और सर्वाइकल कैंसर से 20.6 प्रतिशत मरीजों की मौत होती है।

पुरुषों में ओरल कैंसर के मामले सबसे अधिक (24.3 प्रतिशत) सामने आते हैं और इससे जूझ रहे मरीजों में से 21.6 की मौत की घटनाएं सामने आती हैं। लिंग और कैंसर आधारित आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में महिलाओं में प्रजनन आयु समूह में बाल घटना दर (सीआईआर) (60.8) पुरुषों के इसी समूह में 37.25 के मुकाबले बहुत अधिक दर्ज की गई। यही नहीं, 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के पुरुषों में सीआईआर 640.08 पाई गई जबकि इसी आयु वर्ग की महिलाओं में यह तुलनात्मक रूप से कम 456.02 दर्ज की गई थी। महिलाओं में प्रजनन आयु समूह में बाल मृत्यु दर (सीएमआर) 27.65 रही जो इसी समूह के पुरुषों में अपेक्षाकृत कम 20.87 रही।

First Published - March 2, 2025 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट