सरकार प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को अब देश भर में लागू करने जा रही है। योजना को दो चरणों में आजमाया जा चुका है और दोनों चरण सफल रहने के बाद पूरे देश में इसे लागू करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के पास भेजने की तैयारी चल रही है। पिछले साल अक्टूबर में लाई गई इस योजना का मकसद अगले पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप कराना है।
योजना के पहले चरण में देश के सभी 745 जिले शामिल किए गए थे और इसके लिए आवेदन पिछले साल अक्टूबर में मंगाए गए थे। तब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा, विनिर्माण तथा एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों की 280 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया था। दूसरे चरण के लिए इस साल 1 जनवरी से 22 अप्रैल तक आवेदन लिए गए। इस चरण में 735 जिले ही शामिल किए गए मगर 327 कंपनियां शामिल हुईं।
पहले चरण के तहत कुल इंटर्नशिप में 68.82 फीसदी हिस्सेदारी शीर्ष 10 राज्यों की रही। लगभग 14 फीसदी इंटर्नशिप तो उत्तर प्रदेश में ही कराई गईं। दूसरे चरण में इन राज्यों की हिस्सेदारी बढ़कर 74 फीसदी हो गई। इसमें आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 12.47 फीसदी इंटर्नशिप आईं और मध्य प्रदेश में आंकड़ा 10.95 फीसदी रहा।
दूसरे चरण में इंटर्नशिप करने वालों में सबसे बड़ी संख्या स्नातकों की रही। उसके बाद आईटीआई, डिप्लोमा और 10वीं-12वीं पास अभ्यर्थियों ने इंटर्नशिप की। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मकसद शैक्षिक और व्यावसायिक दोनों तरह से प्रशिक्षित युवाओं को एक बराबर अवसर मुहैया कराना है।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के दूसरे चरण में आईटी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने हिस्सा लिया। इससे साबित होता है कि देश में हर क्षेत्र की कंपनियां इसमें जमकर भागीदारी कर रही हैं।