facebookmetapixel
भारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी सकती है फाइनल, ट्रंप ने दिए संकेत; कहा – पीएम मोदी से शानदार रिश्तेटाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूStock Market Today: ट्रंप के बयान के बाद Gift Nifty में उछाल, कैसे रहेगी शेयर बाजार की चाल?Delhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्जStocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्टहाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथ

अगले हफ्ते अंतरिम आदेश: न्यायालय

Last Updated- December 12, 2022 | 12:48 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मौखिक रूप से कहा कि वह पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति गठित करेगा और इस मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अगले हफ्ते अंतरिम आदेश पारित करेगा। ये टिप्पणियां इसलिए महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि केंद्र ने इजरायली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कुछ प्रतिष्ठित भारतीयों के फोन हैक करके कथित तौर पर उनकी जासूसी करने की शिकायतों की जांच करने के लिए खुद विशेषज्ञ समिति गठित करने की पेशकश की थी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाले पीठ ने याचियों में से एक के वकील सी यू सिंह से कहा कि आदेश अगले हफ्ते पारित किया जाएगा।
न्यायालय ने कहा, ‘हम इस हफ्ते आदेश देना चाहते थे।’ उन्होंने कहा कि उसे इसलिए रुकना पड़ा क्योंकि अदालत जिन लोगों को तकनीकी समिति का सदस्य बनाना चाहती थी उनमें से कुछ ने इसका हिस्सा बनने में ‘निजी मुश्किलें’ जताई हैं।
न्यायालय ने कहा, ‘इसलिए वह समिति गठित करने में वक्त ले रहा है। हम अगले सप्ताह तक तकनीकी विशेषज्ञ दल के सदस्यों के नाम तय कर पाएंगे और फिर अपना आदेश देंगे।’ प्रधान न्यायाधीश ने सिंह को बताया कि वह उन्हें यह बता रहे हैं क्योंकि वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार के पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पिछले कुछ दिनों से अदालतों में नहीं आ रहे हैं। इस पर सिंह ने पीठ को बताया, ‘मैं सिब्बल को सूचित कर दूंगा।’
न्यायालय ने 13 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह कुछ दिनों में फैसला सुनाएगा और उसने केंद्र की ओर से पेश सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि अगर सरकार ने विस्तारपूर्वक हलफनामा दाखिल करने के बारे में पुन: विचार किया है तो वह इस मामले को रखे। न्यायालय ने कहा था कि वह केवल यह जानना चाहता है कि केंद्र ने नागरिकों की कथित तौर पर जासूसी करने के लिए गैरकानूनी तरीकों से पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं। केंद्र ने जासूसी विवाद की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिकाओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से दृढ़तापूर्वक इनकार कर दिया था।
स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाएं उन खबरों से संबंधित हैं जिसमें सरकारी एजेंसियों पर कुछ प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की इजरायली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर जासूसी करने का आरोप है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने खबर दी थी कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए जासूसी की संभावित सूची में 300 से अधिक पुष्ट भारतीय मोबाइल फोन नंबर थे।    

First Published - September 23, 2021 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट