प्रतीकात्मक तस्वीर
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित (रेगुलेट) करने और रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने के लिए एक अहम बिल को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, यह विधेयक बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है। इस कदम को ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक धोखाधड़ी और साइबर अपराध जैसी गंभीर चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि यह बिल खासतौर पर उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाता है जो पैसों की लेन-देन के साथ गेमिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन और रेगुलेशन के लिए व्यापक ढांचा तैयार करेगा।
बिल को 20 अगस्त (बुधवार) को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। संसद में चर्चा और पारित होने के बाद यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक केंद्रीकृत नियामक ढांचा (Centralised Regulatory Framework) स्थापित करेगा।
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बिल की मंजूरी ऐसे समय में आई है जब ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें कई प्लेटफॉर्म “गेम ऑफ स्किल” (कौशल आधारित खेल) के नाम पर खुद को जुए से अलग बताते हैं ताकि वे प्रतिबंध से बच सकें। हाल ही में जून 2025 में मद्रास हाई कोर्ट ने ऐसे कई रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की याचिका खारिज की थी, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध को चुनौती दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में ऐसे कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है, और “गेम ऑफ चांस” और “गेम ऑफ स्किल” में अंतर करना इस संदर्भ में मान्य नहीं है जब उसमें पैसे की लेन-देन हो रही हो।
मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों के चलते उठाया कदम
(एजेंसी इनपुट के साथ)