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In Parliament: ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सख्त हुई सरकार, संसद में ला सकती है विधेयक

यह बिल खासतौर पर उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाता है जो पैसों की लेन-देन के साथ गेमिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।

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निमिष कुमार   
Last Updated- August 19, 2025 | 10:36 PM IST

केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित (रेगुलेट) करने और रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने के लिए एक अहम बिल को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, यह विधेयक बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है। इस कदम को ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक धोखाधड़ी और साइबर अपराध जैसी गंभीर चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है।

सूत्रों ने बताया कि यह बिल खासतौर पर उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाता है जो पैसों की लेन-देन के साथ गेमिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन और रेगुलेशन के लिए व्यापक ढांचा तैयार करेगा।

बिल को 20 अगस्त (बुधवार) को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। संसद में चर्चा और पारित होने के बाद यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक केंद्रीकृत नियामक ढांचा (Centralised Regulatory Framework) स्थापित करेगा।

  • रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाना जो जुआ या सट्टे जैसे मॉडल पर आधारित हैं।
  • डिजिटल गेमिंग से उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे लत, अवसाद, और आत्महत्या जैसे मामलों पर अंकुश लगाना।
  • पैसे के लेन-देन से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए हो रहे मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराधों को रोकना।
  • उपयोगकर्ताओं, खासकर युवाओं की सुरक्षा और समाज के हित में डिजिटल गेमिंग के सुरक्षित और जिम्मेदार ढांचे को बढ़ावा देना।

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बिल की मंजूरी ऐसे समय में आई है जब ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें कई प्लेटफॉर्म “गेम ऑफ स्किल” (कौशल आधारित खेल) के नाम पर खुद को जुए से अलग बताते हैं ताकि वे प्रतिबंध से बच सकें। हाल ही में जून 2025 में मद्रास हाई कोर्ट ने ऐसे कई रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की याचिका खारिज की थी, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध को चुनौती दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में ऐसे कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है, और “गेम ऑफ चांस” और “गेम ऑफ स्किल” में अंतर करना इस संदर्भ में मान्य नहीं है जब उसमें पैसे की लेन-देन हो रही हो। 

  • केंद्र सरकार 2022 से जून 2025 तक 1,524 ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी कर चुकी है।
  • GST इंटेलिजेंस निदेशालय (DGGI) को IT अधिनियम, 2000 और IGST अधिनियम, 2017 के तहत अधिकार प्राप्त हैं कि वह ऐसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर सके जो रजिस्ट्रेशन के बिना भारत में ऑपरेट कर रहे हैं, खासकर विदेशी प्लेटफॉर्म्स।
  • ऐसे आपूर्तिकर्ताओं (Suppliers) पर IGST अधिनियम के तहत कर अनुपालन की भी निगरानी की जा रही है।

मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों के चलते उठाया कदम

  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर: कई राज्यों से आत्महत्या, अवसाद और सामाजिक अलगाव जैसे मामलों की रिपोर्ट सामने आई है, जो रियल मनी गेमिंग से जुड़े हैं।
  • आर्थिक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग: सरकार ने पाया है कि ऑनलाइन गेमिंग को कई बार गलत तरीके से धन के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया गया है।
  • कानूनी अस्पष्टता: कई कंपनियां मौजूदा कानूनों का फायदा उठाकर खुद को “गेम ऑफ स्किल” बताकर जुए के प्रतिबंधों से बचती रही हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published : August 19, 2025 | 9:30 PM IST