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चूक के लिए फर्मों के सीईओ जिम्मेदार

Last Updated- December 15, 2022 | 2:42 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों/चेयरमैन या किसी अधिकृत अधिकारी को चार सप्ताह के अंदर बकाया एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) के भुगतान को लेकर जवाब देने को कहा। अरुण मिश्र के नेतृत्व वाले पीठ ने कहा कि यदि दूरसंचार कंपनियां बकाया चुकाने में विफल रहती हैं तो इससे जुर्माने, ब्याज और अदालत की अवमानना जैसी स्थिति को बढ़ावा मिल सकता है।
मुंबई स्थित एक वकील ने कहा, ‘खासकर इस तरह के बड़े आकार के भुगतान के बारे में प्रबंध निदेशक/सीईओ सामान्य तौर पर बोर्ड और प्रवर्तक से निर्देश प्राप्त करते हैं। उन्हें जिम्मेदार करार दिए जाने से सीईओ के लिए जोखिम बढ़ गया है।’
एक दूरसंचार कंपनी के पूर्व सीईओ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सीईओ के लिए गारंटी देने की राह जोखिमपूर्ण बनाएगा। अब तक, बैंकों द्वारा ऋण के लिए प्रवर्तकों से गारंटी देने को कहा जाता था। हाल में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ऋण पर चूक के बाद रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और पुंज लॉयड के चेयरमैन अतुल पुंज की गारंटी का इस्तेमाल किया था।
वकील ने कहा, ‘प्रवर्तकों के बजाय चूक के लिए प्रबंध निदेशकों/सीईओ को जिम्मेदार करार देकर सर्वोच्च न्यायालय ने वेतनभोगी पेशेवर प्रबंधकों के लिए जोखिम बढ़ा दिया है।’
दिलचस्प तथ्य यह है कि इस साल जुलाई में, सर्वोच्च न्यायालय ने वित्त मंत्रालय से बड़े ऋणों की अदायगी में चूक करने वाली कंपनियों के प्रवर्तकों और निदेशकों की गारंटी का इस्तेमाल नहीं करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाने की मांग करने वाले अनुरोध का जवाब देने को कहा था। जब गारंटी का इस्तेमाल किया जाता है तो गारंटर की निजी परिसंपत्तियों को भी चूक के संबंधित भुगतान के लिए नीलाम किया जाता है।
पिछले समय में, कई प्रवर्तकों ने ऋण पाने के लिए गारंटी दी थीं जिनमें जेट एयरवेज के पूर्व प्रवर्तक नरेश गोयल, एमटेक ऑटो के पूर्व प्रवर्तक अरविंद धाम, और भूषण पावर ऐंड स्टील के पूर्व प्रवर्तक संजय सिंगल शामिल थे। किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रवर्तक विजय माल्या ने भी अपनी एयरलाइन (अब बंद हो चुकी) के लिए गारंटी दी थी। जेपी, आलोक इंडस्ट्रीज, लैंको और भूषण स्टील के प्रवर्तकों ने भी गारंटी दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय के पिछले महीने के आदेश के बाद, वित्त मंत्रालय ने एसबीआई से डेटा का मिलान करने और इसे कार्रवाई रिपोर्ट के साथ वापस सौंपने को कहा है।

First Published - September 2, 2020 | 12:44 AM IST

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