facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्टहाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपी

एजीआर पर इस हफ्ते न्यायालय का फैसला

Last Updated- December 15, 2022 | 2:49 AM IST

समायोजित सकल राजस्व पर दूरसंचार उद्योग सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहा है, जो इस हफ्ते आ सकता है। एजीआर बकाए के भुगतान की समयसीमा में नरमी के अलावा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से वोडाफोन आइडिया के भविष्य का पता लग सकता है।
यह कंपनी बढ़ते नुकसान से जूझ रही है और इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद वह भविष्य की रूपरेखा तय कर सकती है। दूरसंचार विभाग ने कंपनी की तरफ से एजीआर बकाए पर 20 साल की समयसीमा की मांग की थी, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया था।
केएस लीगल ऐंड एसोसिएठ्स की मैनेजिंग पार्टनर सोनम चंदवानी ने कहा, अगर सर्वोच्च न्यायालय पुनर्भुगतान के लिए 15 साल की समयसीमा पर फैसला लेता है तो यह कर्ज में फंसी वोडाफोन आइडिया के लिए चुनौती पेश करेगा। ऐसे खर्च के भुगतान के लिए ज्यादा टैरिफ, लागत में बचत और इक्विटी पूंजी निवेश की दरकार होगी। साथ ही ज्यादातर वित्तीय संस्थान वोडाफोन आइडिया को बड़ी रकम देने से परहेज कर सकते हैं।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि स्पेक्ट्रम भुगतान में 20 साल की मोहलत वोडाफोन के अस्तित्व को थोड़ा बचा सकता है जब टैरिफ बढ़े और विनिवेश आगे बढ़े। हालांकि अगली कुछ तिमाहियों में गंवा चुके ग्राहकों को दोबारा पाना चुनौती हो सकती है। वोडाफोन व भारती ने भुगतान के लिए 15 साल की समयसीमा मांगी थी। सर्वोच्च न्यायालय इस पर फैसला लेगा।
न्यायालय के सामने एक अन्य मसला कंपनी के पास मौजूद स्पेक्ट्रम लाइसेंस की अवधि का भी है। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि अगर लाइसेंस खत्म होता है तो पिछले बकाए की देनदारी खत्म नहीं होगी, खास तौर से अगर वह वैधानिक या सांविधिक देनदारी है।
सर्वोच्च्च न्यायालय ने 24 अगस्त को एजीआर पर सुनवाई पूरी कर ली थी।

First Published - August 30, 2020 | 11:59 PM IST

संबंधित पोस्ट