Ranveer Allahbadia India Got Latent
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को उनके शो ‘द रणवीर शो’ को फिर से शुरू करने की अनुमति दी है, बशर्ते कि वह एक शपथपत्र दाखिल करें जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि शो की सामग्री नैतिक और शालीन मानकों का पालन करेगी तथा सभी दर्शकों के लिए उपयुक्त होगी।
अदालत ने यह फैसला देते हुए कहा कि शो का प्रसारण जारी रहने से 280 कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी प्रभावित नहीं होगी।
कोर्ट ने कहा, “वे कह रहे हैं कि कई कर्मचारी जुड़े हुए हैं, यानी कई परिवारों की आजीविका का सवाल है। नैतिकता और शालीनता बनाए रखने की शर्त पर, अगर वह यह कार्यक्रम चलाना चाहते हैं, तो हम इसकी अनुमति दे सकते हैं।”
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि उन्होंने “जिज्ञासावश” यह शो देखा और पाया कि यह केवल अश्लील ही नहीं बल्कि “विकृत” भी है। उन्होंने हास्य, अश्लीलता और विकृति के बीच स्पष्ट अंतर को रेखांकित किया। मेहता ने कहा, “हास्य एक चीज़ है, अश्लीलता दूसरी, लेकिन विकृति पूरी तरह से अलग स्तर की होती है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर कंटेंट के गिरते स्तरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की चिंता को रेखांकित किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने दोहराया कि भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है, लेकिन अश्लीलता के संदर्भ में इसकी सीमाएं तय होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि क्या डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स यह मानते हैं कि उनके पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अनुचित भाषा का इस्तेमाल करने का असीमित अधिकार है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “इनमें से एक कनाडा चला गया और वहां जाकर इस पर बात की… ये युवा और जरूरत से ज्यादा चतुर लोग सोचते हैं कि वे हमसे ज्यादा जानते हैं… हमें पता है कि कैसे संभालना है।”
कोर्ट के आदेश के अनुसार, रणवीर अल्लाहबादिया को 18 फरवरी को मिली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत अगले आदेश तक जारी रहेगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा निर्देश के तहत उन्हें ‘द रणवीर शो’ में इस मामले पर चर्चा करने से भी रोक दिया गया है।
(रिमझिम सिंह के साथ)
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