नई हल्दी की आवक का दबाव अब कमजोर पड़ने लगा है। जिससे हल्दी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। इस साल हल्दी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में काफी कम है। इससे भी हल्दी महंगी होने का बल मिला है।
कितने बढ़े हल्दी के भाव?
इस महीने हल्दी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर हल्दी के जून अनुबंध ने 12 अप्रैल को 16,002 रुपये के भाव पर इस महीने का निचला स्तर छुआ था, जो आज बढ़कर 19,668 रुपये के भाव पर महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस तरह बीते 11 दिन में हल्दी के वायदा भाव में 3,500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है।
हल्दी के दाम में क्यों आ रही है तेजी?
हल्दी के दाम बढ़ने की वजह इसकी आवक में कमी आना मानी जा रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने बताया कि इस महीने अब तक करीब 18,900 टन हल्दी की आवक हुई, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में करीब 70 फीसदी कम है। पिछले महीने मंडियों में करीब 54 हजार टन हल्दी की आवक हुई थी।
पिछले महीने से भी इस महीने आवक काफी कम हो रही है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी व करेंसी के हेड अनुज गुप्ता के अनुसार भी आवक कम होने से हल्दी के दाम बढ़े हैं।
बाजार जानकारों के अनुसार इसका उत्पादन कम होने से भी कीमतों में तेजी आई है। कारोबारी अनुमान के मुताबिक इस साल देश में हल्दी का उत्पादन घटकर 50 से 55 लाख बोरी रह सकता है, जो पिछले साल के 80 से 85 लाख बोरी (60 किलो) उत्पादन से काफी कम है।
आगे क्या है हल्दी के दाम का अनुमान?
पॉल ने कहा कि हल्दी का उत्पादन कम होने से फंडामेंटल मजबूत है। इसलिए आगे भी हल्दी कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। हल्दी के वायदा भाव एक बार 19,700 रुपये का स्तर पार कर गए तो ये 22,000 रुपये क्विंटल तक जा सकते हैं। आईग्रेन इंडिया के मुताबिक बीते कुछ दिनों से आ तेजी के कारण कुछ समय के लिए मुनाफावसूली से भाव घट सकते हैं। लेकिन लंबी अवधि में भाव तेज रहने की संभावना है।