फैसले तो हर दिन होते रहते हैं, लेकिन इस साल 29 अप्रैल की तारीख इस मामले में कुछ खास है।
दरअसल इस दिन कुछ अहम मामलों में फैसले होने वाले हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था, कारोबारी जगत और राजनीति तक सभी हलके प्रभावित होंगे। जाहिर है, आम आदमी पर इनका फर्क पड़ना लाजिमी है। कुल मिलाकर कहें, तो 29 अप्रैल फैसलों का ही दिन है। निगाह डालते हैं, उन मसलों पर जिनके बारे में इस दिन फैसले किए जाने हैं।
मौद्रिक एवं ऋण नीति: देश भर को 29 अप्रैल का बेसब्री से इंतजार है और उसकी वजह है, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति। महंगाई ने जिस कदर कहर बरपा रखा है, उसमें अपनी जेब पर हो रहे हमले से निजात पाने के लिए हर कोई रिजर्व बैंक की ओर ताक रहा है। मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक कुछ ऐसे फैसले ले सकता है, जिनसे आम आदमी को कमरतोड़ महंगाई से राहत मिल सके।
सरकार वैसे भी महंगाई के मसले पर चौतरफा आलोचना झेल रही है। जाहिर है, वह अपना दामन बचाने की पुरजोर कोशिश करेगी और रिजर्व बैंक की मौद्रिक तथा ऋण नीति उसके लिए बड़ा हथियार हो सकती है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने के लिए रिजर्व बैंक भी रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में बदलाव जैसे हथियार आजमा सकता है।
पिछले दिनों नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.5 फीसद के इजाफे का आरबीआई का कदम महंगाई के खिलाफ मुहिम का ही हिस्सा माना गया था। फिलहाल रेपो दर 7.75 फीसद और रिवर्स रेपो दर 6 फीसद है।
गैस मूल्य विवाद : कॉरपोरेट जगत के दो नामचीन भाइयों के बीच छिड़ी रार पर एक और अहम फैसले का इंतजार हो रहा है। मुद्दा है मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और छोटे भाई अनिल अंबानी की रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) के बीच गैस मूल्य पर छिड़ा विवाद। पूरे देश की गैस अर्थव्यवस्था काफी हद तक इस विवाद पर टिकी है। बंबई उच्च न्यायालय 29 अप्रैल को तय करेगी कि सरकार को इस मामले में पक्ष बनाया जाए या नहीं।
इसके बाद ही मामले की सुनवाई शुरू होगी और आनन फानन में फैसला किया जाएगा। मामला कृष्णा गोदावरी बेसिन में आरआईएल के ब्लॉक से जुड़ा है, जिसमें बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस मौजूद है। सरकार इसमें पक्ष बनना चाहती है और उसका तर्क है कि गैस की बिक्री से उसे भी मुनाफा होना है और उसकी कीमत से मुनाफा कम या ज्यादा हो सकता है।
सेतुसमुद्रम परियोजना : राजनीतिक गलियारों में भी ज्यादातर निगाहें 29 अप्रैल और उच्चतम न्यायालय पर टिकी हैं। मामला है भी बेहद गंभीर। दरअसल भारतीय राजनीति को गरमाने वाले और हिंदू धार्मिक आस्था से जुड़े सेतुसमुद्रम यानी रामसेतु मुद्दे पर अदालत इसी दिन फैसला दे सकती है।
केंद्र सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए अदालत से हरी झंडी मांगी है। भारत के दक्षिणी छोर और श्रीलंका को जोडने वाले एडम्स ब्रिज को भारतीय ग्रंथों में रामायणकालीन पुल की मान्यता मिली हुई है, जिसे कथित तौर पर वानर सेना ने समुद्र पार कर रावण की लंका तक पहुंचने के लिए बनाया था। सेतुसमुद्रम परियोजना से इसका टूटना तय है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व : महंगाई के डंक से घबराए भारतीय ही नहीं, अमेरिकी भी कल की तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी बेलगाम महंगाई पर चोट करने के लिए इस दिन अहम ऐलान कर सकता है। फेडरल रिजर्व की 2 दिन की बैठक इसी दिन शुरू हो रही है और इसमें ब्याज दरों में 2 फीसद तक की कटौती हो सकती है। अमेरिका में इसके बाद अरसे तक और कटौती नहीं होनी है, इसलिए फेडरल रिजर्व से उदारता बरते जाने की उम्मीद हर कोई कर रहा है।