भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के लिए निवेशकों से फिर से बात शुरू कर दी है। इसमें पहले ही एक साल से ज्यादा देरी हो चुकी है।
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण मई महीने में टोल राजस्व के संग्रह में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है। जून में प्रतिबंधों में ढील के बाद इसमें तेजी शुरू हो गई। इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमें लॉकडाउन का शुल्क पर पड़े असर के बारे में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को बताने की जरूरत है, उसके बाद हम फिर से उनके साथ वर्चुअल रोड शो के माध्यम से जुडऩे की कवायद करेंगे।’ उन्होंने कहा कि इनविट जल्द ही सक्षम नजर आना चाहिए।
एनएचएआई इनविट पेश कर 5,100 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा एनएचएआई ने इनविट मॉडल के तहत 35,000 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाओं की पेशकश करने की योजना बनाई है। यह अगले 3 से 5 साल में सड़क के मुद्रीकरण का एक प्लेटफॉर्म है।
इनविट के तहत सड़क परियोजनाओं की शुरुआती खेप में ऐसी सड़कों को चुना गया है, जो राष्ट्रीय गलियारों का हिस्सा हैं। इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया है, जैसा कि निजी सूचीबद्ध इनविट के मामले में होता है, जिससे कि बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। यह एक निवेश ट्रस्ट है, जो म्युचुअल फंड की तरह काम करता है और इसका नियमन सेबी द्वारा किया जाता है। इस मॉडल के तहत संपत्तियां इनविट में रखी गई हैैं, जहां निवेशक अपना धन लगा सकेंगे और ऐसी संपत्तियों से होने वाली आमदनी को लाभांश के रूप में भुगतान किया जाएगा।
एनएचएआई इनविट में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी होगा। बहरहाल प्राधिकरण ने सेबी को दिए मसौदा पत्र में प्रस्तावित पेशकश की राशि का ब्योरा नहीं दिया है। यूनिट्स को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई में सूचीबद्ध किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स मर्चेंट बैंकर हैं।
एनएचएआई का इनविट कोविड-19 के संकट में फंस गया, जब 25 मार्च, 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन लगा। इसका पहला इनविट मई, 2020 में पेश किया जाना था। दिसंबर, 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें एनएचएआई को इनविट स्थापित करने को अधिकृत किया गया था। इसका मकसद ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्रीकरण करना था, जिनका टोल संग्रह का कम से कम एक साल का रिकॉर्ड हो। बाजार नियमक ने इनविट्स और रीट्स (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के लिए 2014 में नियम अधिसूचित किए थे, लेकिन इस तरह के कुछ ही ट्रस्टों ने देश में अपनी यूनिट्स को सूचीबद्ध कराया।
