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संसद की नई इमारत की इबारत पर लगी मुहर

Last Updated- December 10, 2022 | 2:12 AM IST

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत त्रिकोण आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किमी क्षेत्र में नए बदलाव होंगे
1. नई संसद

संसद भवन परिसर के भीतर 13 एकड़ भूखंड पर एक त्रिकोणीय इमारत बनाने की योजना है जिस जगह का इस्तेमाल वर्तमान में वाहनों की पार्किंग के लिए किया जा रहा है। वर्ष 1931 से ही मौजूदा संसद में कामकाज होता रहा है लेकिन इसकी जगह अब संसद भवन की ऐसी नई इमारत तैयार की जाएगी जो सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा और इसमें भूमिगत पार्किंग और भवन के ऊपरी हिस्से में सौर संयंत्र होंगे ताकि पर्यावरण प्रदूषण कम करने और अक्षय ऊर्जा से जुड़े इंतजाम भी हों
मिस्र के संसद के अनुरूप इसका डिजाइन तैयार किया गया है और नई इमारत के लोकसभा हॉल में अतिरिक्त जगहें होंगी जिनका इस्तेमाल संयुक्त सत्र के लिए किया जाएगा। लोकसभा में 900 सदस्यों के बैठने की जगह होगी जो अभी 552 है वहीं संयुक्त सत्र के दौरान इसमें 1,300 सांसद तक रह सकेंगे
सभी मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों के लिए दफ्तर का इंतजाम किया जाएगा और हॉल में प्रत्येक सांसद के लिए 50 फीसदी अधिक बैठने की जगह होगी और केंद्र में एक विशाल आरामदायक बैठक की जगह होगी और एक आधुनिक कैफेटेरिया भी होगा

2. सत्ता का केंद्रीकरण

7, लोक कल्याण मार्ग की जगह साउथ ब्लॉक के दक्षिणी-पश्चिमी कोने पर नया प्रधानमंत्री आवास होगा जो मौजूदा आवास से 3 किमी दूर है। मौजूदा प्रधानमंत्री आवास पहले 7 रेसकोर्स रोड के नाम से जाना जाता था और 1984 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तब से ही प्रधानमंत्री आवास के रूप में इसका इस्तेमाल होता रहा है। इसे 12 एकड़ जमीन पर नई दिल्ली के मुख्य वास्तुकार एडविन लुटियंस के डिजाइन के आधार पर ही बनाया गया
नॉर्थ ब्लॉक के उत्तर-पश्चिम कोने में नया उपराष्ट्रपति आवास होगा जिससे उपराष्ट्रपति रायसीना हिल्स के करीब आ जाएंगे जहां देश के राष्ट्रपति रहते हैं। नॉर्थ एवेन्यू के पास नया निवास 15 एकड़ के प्लॉट पर बनाया जाएगा जो अभी एक बस टर्मिनल और एक पार्क के लिए सुरक्षित रखा गया है। उपराष्ट्रपति का मौजूदा निवास, 6, मौलाना आजाद रोड पर है जो सेंट्रल विस्टा से 15 किमी दूर है।
सरकार की कार्यप्रणाली में मजबूत तालमेल बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा के दोनों किनारों से लगी 10 आधुनिक इमारतें होंगी जिनमें केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय होंगे। वर्तमान में 51 मंत्रालयों में से केवल 22 ही इस क्षेत्र में मौजूद हैं। नई एकीकृत इमारतों में एक भूमिगत ट्रांजिट पैसेज का नेटवर्क होगा ताकि एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय में आसानी से जाया जा सके। इसके अलावा पार्किंग स्थल और दिल्ली मेट्रो की येलो और वॉयलेट लाइनों के लिए सीधी कनेक्टिविटी भी होगी

3. नए कलेवर में सेंट्रल विस्टा

रायसीना हिल्स और इंडिया गेट के बीच तीन किलोमीटर के हिस्से को पूरी तरह से नया रूप दिया जाएगा। पैदल यात्री के लिए अंडरपास तैयार कर सभी यातायात संकेतों को बदला जाएगा और लीजर जोन के साथ-साथ पार्क और फूड कोर्ट बनाया जाएगा
रिज टू रिवर, अवधारणा के आधार पर रायसीना हिल से लेकर सेंट्रल विस्टा इस क्षेत्र को यमुना नदी से जोड़ेगा, जहां भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक स्मारक स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन के पीछे सभी लुप्तप्राय और दुर्लभ जीव जंतुओं के लिए एक 48 एकड़ का बायोडाइवर्सिटी पार्क बनाया जाएगा। इसके अलावा नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को भारत के इतिहास से जुड़े संग्रहालयों में बदल दिया जाएगा और उसे जनता के लिए खोला जाएगा

समयसीमा
चरण-1: सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना है
चरण-2: अक्टूबर, 2022 तक नया संसद भवन बनकर तैयार होगा
चरण-3: मंत्रालय परिसरों और निवास स्थलों का काम 2024 के मध्य तक समाप्त हो जाएगा
निर्माण को कौन देगा अंजाम?
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) इस परियोजना के लिए नोडल एजेंसी है
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 861.9 करोड़ रुपये की लागत से नई संसद का निर्माण करेगी
गुजरात की आर्किटेक्ट कंपनी एचसीपी डिजाइन एंड प्लानिंग ने 229.75 करोड़ रुपये की लागत से इसका खाका तैयार किया है

कैसे होगा अमल?
राष्ट्रीय अभिलेखागार भवन व अन्य विरासत वाली इमारतों का पुनर्विकास होगा
डीडीए ने उपराष्ट्रपति के निवास के लिए प्रस्तावित साइट सहित कुल 85 एकड़ से अधिक छह भूखंडों के भूमि उपयोग में बदलाव को मंजूरी दी
शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
पर्यावरण नियमों के उल्लंघन से जुड़ी याचिकाओं को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि परियोजना के लिए जो पर्यावरण मंजूरी दी गई है तथा भूमि उपयोग में बदलाव के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है वे वैध हैं
अदालत ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के प्रस्तावक को सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग टॉवर लगाने और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है     

First Published - January 5, 2021 | 11:18 PM IST

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