लाल किले पर तिरंगे के अपमान से दुखी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:57 AM IST

तीन कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में यह भी कहा कि केंद्र सरकार खेती को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड में हिंसा की वजह से दिल्ली में 26 जनवरी के दिन अफरातफरी मच गई थी। अनेक प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए थे तथा वहां ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगा दिया था जहां प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
कोरोनावायरस के खिलाफ चल रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि संकट के समय में भारत दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि आज वह दवाओं और टीके को लेकर आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा, ‘यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है। भारत, जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ 15 दिन में भारत अपने 30 लाख से ज्यादा कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण कर चुका है जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन। उन्होंने कहा, ‘जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही अब हमारा टीकाकरण अभियान भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है।’
मोदी ने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके आज भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक हैं ही, भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कई देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से ऐसे संदेश मिलते हैं जिनमें इसके लिए भारत की प्रशंसा की जाती है। मोदी ने भारत को धन्यवाद देने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति के उस ट्वीट का जिक्र भी किया जिसमें हनुमान जी की तस्वीर भी साझा की गई थी।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे इस साल भी कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करें और देश को और तेज गति से आगे ले जाने में अपना योगदान दें। मोदी ने कहा कि मन की बात से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और इसके जरिये लोगों की ओर से साझा किए गए अनुभव उन्हें बहुत प्रेरित करते हैं और ऊर्जा से भर देते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सड़क हादसों से होने वाली मौतों पर भी चिंता जताई और कहा कि यह न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने सड़क सुरक्षा को लेकर देशवासियों का आह्वान किया कि लोगों का जीवन बचाने के लिए वे भी सक्रिय भागीदार बनें। प्रधानमंत्री ने यह दावा भी किया कि फास्टैग सुविधा से टोल प्लाजा पर लोगों का न सिर्फ समय बच रहा है, बल्कि इससे ईंधन की बचत से करीब 21 हजार करोड़ रुपये भी बचेंगे।

पत्रकार गिरफ्तार
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुव्र्यवहार करने के आरोप में स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया और ऑनलाइन न्यूज इंडिया के धर्मेन्द्र सिंह को दिल्ली पुलिस ने शनिवार शाम हिरासत में लिया। सिंह को बाद में छोड़ दिया गया लेकिन पुनिया को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले पुलिस ने कहा कि उसने शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद सीमा पर अवरोधक लगाए थे और पत्रकार समेत कुछ लोगों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की तथा पत्रकार ने वहां पुलिसकर्मियों के साथ दुव्र्यवहार भी किया।
पुनिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति रविवार की सुबह जारी की गई जिसके मुताबिक उन पर भारतीय दंड संहिता की 186 (सरकारी कर्मचारी के काम में जानबूझकर बाधा करना), 353 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को पीटना या उसके खिलाफ बल प्रयोग), 332 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 34 धाराएं लगाई गई।
शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर किसानों और खुद को स्थानीय निवासी बताने वाले लोगों के बड़े समूह के बीच झड़प हो गई और उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव किया था।

मोदी की गरिमा का सम्मान: टिकैत
किसान नेता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। टिकैत ने कहा, ‘सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता का माहौल तैयार करना चाहिए। एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’ टिकैत ने कहा, ’26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा थी। तिरंगा हर किसी से ऊपर है। हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे। इसे सहन नहीं किया जाएगा।’ टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले कहा था कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है।

तीन दिन में हुई तीसरी महापंचायत
दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का विस्तार अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी होता दिख रहा है जहां रविवार को बागपत में आयोजित महापंचायत में हजारों लोग शामिल हुए। इस क्षेत्र में तीन दिनों के अंदर यह ऐसा तीसरा आयोजन था। यहां तहसील मैदान पर हुई सर्व खाप पंचायत में आसपास के जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर किसान बड़ी संख्या में पहुंचे। शुक्रवार को मुजफ्फरनगर और शनिवार को मथुरा के बाद यह क्षेत्र में किसानों की तीसरी महापंचायत थी।
मुजफ्फरनगर और मथुरा में हुई महापंचायत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में होने वाले विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया गया। भाकियू नेता राजेंद्र चौधरी ने यहां मौजूद लोगों से कहा कि आंदोलन पूरी ताकत के साथ जारी रहना चाहिए। रविवार को हुई सर्व खाप महापंचायत में अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के समर्थक भी महापंचायत में मौजूद थे।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद ऐसा लग रहा था कि किसान आंदोलन ठंडा पड़ जाएगा लेकिन भाकियू नेता राकेश टिकैत की भावनात्मक अपील ने इसमें नई जान फूंक दी और गाजीपुर स्थित प्रदर्शन स्थल पर हजारों की संख्या में किसान जुट गए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रही महापंचायतों में भी किसानों की काफी भीड़ जुट रही है।

First Published : January 31, 2021 | 11:26 PM IST