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India Flash PMI December 2025: HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स दिसंबर में घटकर 58.9 रह गया, जो नवंबर में 59.7 था। यह फरवरी के बाद से ग्रोथ की सबसे धीमी रफ्तार है। यह सूचकांक भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर के संयुक्त प्रदर्शन को मापता है। S&P Global ने मंगलवार को फ्लैश पीएमआई का डेटा जारी किया।
सीजनली एडजस्टेड यह इंडेक्स दोनों सेक्टरों के संयुक्त आउटपुट में महीने-दर-महीने बदलाव को दर्शाता है और इससे विस्तार की रफ्तार धीमी होने का संकेत मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों में कारोबारी गतिविधियों की ग्रोथ सुस्त रही। हालांकि, कुल मिलाकर ग्रोथ मजबूत बनी हुई है और इंडेक्स अब भी न्यूट्रल स्तर से काफी ऊपर है। 50 से ऊपर का आंकड़ा आर्थिक विस्तार (एक्सपेंशन) को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का स्तर गिरावट (कॉन्ट्रैक्शन) को दिखाता है। वहीं, 50 का स्तर कोई बदलाव नहीं दर्शाता है।
S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के इकोनॉमिक्स डायरेक्टर एंड्रयू हार्कर ने कहा कि HSBC फ्लैश इंडिया PMI ने 2025 का अंत पॉजिटिव किया है। यह साल निजी क्षेत्र के लिए मजबूत ग्रोथ वाला रहा। दिसंबर में आउटपुट और नए ऑर्डर्स की रफ्तार कुछ धीमी हुई, लेकिन फिर भी यह मजबूत बनी रही। साल के अंत तक महंगाई का दबाव कम रहने से कंपनियों को मदद मिली।
दिसंबर में नए ऑर्डर्स की ग्रोथ धीमी रही, लेकिन बेहतर ग्राहक मांग के चलते इसमें अब भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई। इस बीच, नए निर्यात ऑर्डर्स की रफ्तार दिसंबर में तेज हुई और यह तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, जर्मनी, मिडिल ईस्ट, श्रीलंका, ब्रिटेन और अमेरिका से मजबूत मांग देखी गई।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने पिछले दो वर्षों में सबसे कमजोर सुधार दर्ज किया। दिसंबर में आउटपुट और नए ऑर्डर्स की ग्रोथ धीमी रही, जिससे इंडेक्स नवंबर के 56.6 से घटकर 55.7 पर आ गया।
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों सेक्टरों की कंपनियों ने कहा कि उनके मौजूदा कर्मचारी नए ऑर्डर्स को संभालने के लिए पर्याप्त हैं। इसी वजह से दिसंबर में रोजगार लगभग स्थिर रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में थोड़े बहुत नए कर्मचारी जोड़े गए, जबकि सर्विसेज सेक्टर में रोजगार में कोई बदलाव नहीं हुआ। काम का बैकलॉग भी लगातार तीसरे महीने स्थिर बना रहा।
इनपुट लागत दिसंबर में बढ़ी, लेकिन यह बढ़ोतरी नवंबर की तुलना में मामूली रही, जब करीब साढ़े पांच साल में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आउटपुट कीमतों में भी धीमी बढ़ोतरी हुई, जो पिछले नौ महीनों में दूसरी सबसे कम बढ़ोतरी रही। कुल मिलाकर दिसंबर में कीमतों का दबाव 2025 के औसत से कम रहा।
हालांकि कंपनियों को कारोबार बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है, लेकिन उनका भरोसा धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर में लगातार तीसरे महीने कारोबारी भरोसा घटा और अब यह जुलाई 2022 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। भरोसे में यह गिरावट मुख्य रूप से सर्विसेज सेक्टर से आई है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां थोड़ी ज्यादा सकारात्मक बनी हुई हैं।
कंपनियों को उम्मीद है कि अगले साल नए ऑर्डर्स का लगातार प्रवाह ग्रोथ को सहारा देगा, जिसमें बेहतर उत्पाद गुणवत्ता और मजबूत मार्केटिंग मददगार होगी। हालांकि, साल के अंत में ग्रोथ धीमी होने से कंपनियां अब पहले के मुकाबले ज्यादा सतर्क नजर आ रही हैं।