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इंडसइंड बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदेगा HDFC Bank, रिजर्व बैंक से मिली मंजूरी

RBI ने HDFC बैंक से कहा है कि वह मंजूरी की तारीख, यानी 15 दिसंबर, से एक साल के भीतर यह बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया करे पूरी

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 16, 2025 | 10:25 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने HDFC बैंक को इंडसइंड बैंक में 9.50 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे दी। इंडसइंड बैंक ने मंगलवार को यह जानकरी दी कि RBI ने HDFC बैंक की शेयर खरीद योजना को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद HDFC बैंक, इंडसइंड बैंक का एक महत्वपूर्ण शेयरधारक बन सकेगा। हाल के महीनों में इंडसइंड बैंक को वित्तीय और गवर्नेंस से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

1 साल में पूरी होगी प्रक्रिया

RBI ने HDFC बैंक से कहा है कि वह मंजूरी की तारीख, यानी 15 दिसंबर, से एक साल के भीतर यह बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया पूरी करे। अगर बैंक तय समय सीमा में ऐसा नहीं करता है, तो यह मंजूरी अपने आप रद्द हो जाएगी। यह शर्त नियामकीय नियमों का समय पर पालन सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई है।

ग्रुप की कंपनियां करेंगी निवेश

सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में HDFC बैंक ने बताया कि उसकी कई ग्रुप कंपनियों को इंडसइंड बैंक में निवेश की अनुमति मिली है। इन कंपनियों में HDFC म्यूचुअल फंड, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, HDFC पेंशन फंड और अन्य शामिल हैं। ये सभी मिलकर इंडसइंड बैंक की चुकता शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकारों में कुल मिलाकर 9.5 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद सकते हैं।

इंडसइंड बैंक को सबसे बड़ा तिमाही नुकसान

इंडसइंड बैंक ने हाल ही में 31 मार्च को समाप्त तिमाही के लिए अपना अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा दर्ज किया है। गवर्नेंस और अकाउंटिंग में गड़बड़ियों के कारण कंपनी को 23 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ।

इन समस्याओं के चलते इस साल की शुरुआत में बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कथपालिया और डिप्टी CEO अरुण खुराना को पद छोड़ना पड़ा।

निवेशकों की नजर में बोर्ड की भूमिका पर सवाल

इंडसइंड बैंक के बोर्ड पर निवेशकों ने कमजोर निगरानी और अकाउंटिंग से जुड़ी समस्याओं को सामने लाने में देरी को लेकर सवाल उठाए हैं। ये गड़बड़ियां बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी थीं, जिनका बैंक के वित्तीय नतीजों पर बड़ा असर पड़ा।

इससे पहले, इंडसइंड बैंक ने कहा था कि वह 3.47 अरब डॉलर तक की पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है और अपने प्रमोटरों को बोर्ड में दो निदेशक नियुक्त करने की अनुमति देगा।

भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड्स में HDFC बैंक फिर नंबर वन

कंतार ब्रांड्ज (Kantar BrandZ) की सबसे ज्यादा मूल्यवान भारतीय ब्रांड 2025 रिपोर्ट के अनुसार, HDFC बैंक ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड बनने का दर्जा हासिल कर लिया है। देश के सबसे बड़े निजी बैंक का ब्रांड वैल्यू अब 44.9 अरब डॉलर आंका गया है।

2014 में पहली BrandZ इंडिया रिपोर्ट आने के बाद से HDFC बैंक का ब्रांड वैल्यू 377 फीसदी बढ़ चुका है। Kantar BrandZ ब्रांड वैल्यू की गणना वित्तीय मापदंडों के आधार पर करता है, जिसमें पैरेंट कंपनी के मूल्य में ब्रांड का योगदान और मांग व कीमत तय करने में ब्रांड की भूमिका शामिल होती है। HDFC बैंक 2014 से 2022 तक लगातार इस रैंकिंग में शीर्ष पर रहा था, लेकिन 2022 में TCS आगे निकल गया था।

First Published : December 16, 2025 | 10:25 AM IST