Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में चढ़ाए गए फूलों को रीसाइकल कर बनाई जाएगी धूपबत्ती

Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम के सभी मंदिरों से प्रतिदिन 9 टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किए जाने की उम्मीद है, जबकि अभी यह 2.3 टन ही हो रहा है।

Published by
सिद्धार्थ कलहंस   
Last Updated- January 21, 2024 | 10:51 PM IST

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम व उसके बाद मंदिर में प्रयोग होने वाले फूलों को रिसाइकिल किया जाएगा। पूजा के दौरान चढ़ने वाले फूलों के कारण मंदिर परिसर में गंदगी न हो, इसके लिए अयोध्या नगर निगम ने पहल की है। इस पहल के तहत अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में चढ़े फूलों को प्रॉसेस करके धूपबत्ती बनाई जा रही है।

प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी तादाद में चढ़ने वाले फूलों को भी नगर निगम इसी तरह प्रॉसेस करेगा, जबकि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी मंदिर परिसर में उपयोग होने वाले फूलों से धूपबत्ती बनाई जाएगी, ताकि मंदिर को न सिर्फ स्वच्छ रखा जा सके, बल्कि फूलों की प्रॉसेसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा सके।

Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा के बाद कितने फूल किए जाएंगे रीसाइकल

एक आंकलन के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम के सभी मंदिरों से प्रतिदिन 9 टन चढ़ावे से निकले फूल यानी निर्माल्य रिसाइकिल किए जाने की उम्मीद है, जबकि अभी यह 2.3 टन ही हो रहा है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में हर साल असंख्य तीर्थयात्री आते हैं, जिससे कई टन निर्माल्य निकलते हैं। इन फूलों के निर्माल्य को इकट्ठा करके इसे प्राकृतिक अगरबत्ती में परिवर्तित किया जाता है।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: योगी सरकार प्राण प्रतिष्ठा के बाद जलाएगी 10 लाख मिट्टी के दीपक, ‘राम ज्योति’ से चमक उठेगी अयोध्या

उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी, क्योंकि 22 जनवरी के बाद लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालुओं के अयोध्या धाम आने की संभावना है। ये श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में फूलों के माध्यम से आस्था व्यक्त करेंगे। फूलों के कारण मंदिरों और धाम में गंदगी की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए फूलों की प्रॉसेसिंग के साथ ही धूप बनाने के कार्य में तेजी लाई जाएगी।

अयोध्या नगर निगम का क्या है प्लान?

एडीए उपाध्यक्ष के ओएसडी विनीत पाठक ने बताया कि 21 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों से बनी बांस रहित धूप को लॉन्च किया था।

उन्होंने बताया कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार, अयोध्या नगर निगम और नमामि गंगे कार्यक्रम के समर्थन और मार्गदर्शन के कारण संभव हो पाई है। इसके लिए फूल नाम के संगठन को जिम्मेदारी दी गई है जिसने फूलों के निर्माल्य के संग्रह और पुनर्चक्रण (Recycling) के लिए अयोध्या नगर निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने कहा कि सौम्य चंदन तेल की सुगंध से युक्त ये धूप पूरी दुनिया में राम जन्म भूमि का आशीर्वाद ले जा रही है।

फूलों की रिसाइकलिंग के बहाने महिलाओं को मिलेगा रोजगार

लाखों भारतीयों के दैनिक पूजा अनुष्ठानों के लिए तेजी से उपलब्धता के लिए फूल द्वारा क्यू-कॉम प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्पाद लॉन्च किए गए हैं। इसका प्लांट 8000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। वहीं 20 महिलाएं इस कार्य में लगी हैं।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान देशभर के 2,500 लोक कलाकार प्रस्तुत करेंगे कार्यक्रम,100 मंचों पर होगा आयोजन

विनीत पाठक ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर भविष्य की कार्ययोजना तय की गई है। इसके तहत प्रति दिन 9 टन पुष्प के निर्माल्य का पुनर्चक्रण सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि इसके माध्यम से 275 महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

किन मंदिरों से जुटाए जाएंगे फूल

दैनिक आधार पर जिन मंदिरों से फूलों का संग्रह हो रहा उनमें हनुमान गढ़ी, कनक भवन, नागेश्वर नाथ मंदिर, श्री काले राम मंदिर, गोरे राम मंदिर, बड़े देवकाली मंदिर, छोटे देवकाली मंदिर और स्वामीनारायण मंदिर शामिल हैं। राम जन्मभूमि मंदिर से पुष्प संग्रह 22 जनवरी से शुरू होगा।

First Published : January 21, 2024 | 5:49 PM IST