भारतीय रेल ने चालू वित्त वर्ष के लगातार दूसरे महीने में माल ढुलाई में वृद्धि बरकरार रखी है। मई, 2021 में रेलवे से 11.48 करोड़ टन माल ढुलाई हुई है। यह इसके पहले के मई, 2019 की बेहतरीन ढुलाई 10.46 करोड़ टन की तुलना में 9.7 प्रतिशत ज्यादा है।
अप्रैल, 2021 में भी माल ढुलाई 2019 के स्तर को पार कर गई थी और रेलवे ने 11.14 करोड़ टन माल ढुलाई की थी। यह अप्रैल, 2019 के स्तर से 10 प्रतिशत ज्यादा थी।
वहीं 2020 में ढुलाई के स्तर की तुलना में ढुलाई में तेज वृद्धि हुई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान देशबंदी की घोषणा कर दी गई थी, जिससे कारोबारी गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा था।
कुल मिलाकर रेलवे ने 2020-21 में रिकॉर्ड ढुलाई की है। यह मालगाडिय़ों की रफ्तार बढऩे और यात्री ट्रेने न चलने के कारण ज्यादा ट्रैक मिलने की वजह से हुआ है। वहीं रेलवे के कुछ नए जिंसों की ढुलाई भी तेजी से हुई है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘बदलाव जारी है और यह टिकाऊ है। हम अपने फ्रेट बास्केट में नए जिंस जोड़ रहे हैं। पिछले साल हमने 4 करोड़ टन कम कोयले की ढुलाई की थी। इस साल कोयले की मांग में बिजली उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। मुझे लगता है कि ढुलाई की मांग जारी रहेगी क्योंकि परंपरागत के साथ नए जिंसों की ढुलाई हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘कृषि रेल जैसे कदमों से भी हमें माल ढुलाई बढ़ाने में मदद मिली है, लेकिन इसकी मात्रा कम है।’
आगे का बड़ा लक्ष्य
भारतीय रेलवे ने 2024 तक ढुलाई दोगुना करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। महामारी को देखते हुए यह लक्ष्य कैसे हासिल हो पाएगा, यह पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘हमने पिछले साल (2020-21) में 122.5 करोड़ टन माल ढुलाई की थी। 2024 तक हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 2024 टन करने का है। इसे हासिल करने के लिए बड़ी परियोजनाएं जैसे पूर्वी व पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारे का काम पूरा करने की जररूरत है और हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल तक यह हो जाएगा। हमने इस साल 140 करोड़ टन ढुलाई की योजना बनाई है।’
शर्मा ने कहा कि 10 प्रतिशत ढुलाई बढ़ी है और इस रफ्तार से 2024 का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि एक प्रमुख रेल परियोजना पूरी होने से स्थिति में सुधार आएगी।
उन्होंने कहा, ‘इस साल ही 1,000 किलोमीटर से ज्यादा डीएफसी का काम पूरा हो चुका है और इसे बड़ा बल तब मिलेगा, जब भागलपुर से मुंद्रा बंदरगाह तक ढुलाई शुरू हो जाएगी। कंटेनर की क्षमता बढऩे से माल ढुलाई गलियारों से अन्य जिंसों की ढुलाई भी हो सकेगी। कोयले की ढुलाई का बड़ा हिस्सा भी इस मार्ग की ओर चला जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें भरोसा है कि निश्चित रूप से हमें ज्यादा ढुलाई मिलेगी, अगर हम समय व रफ्तार में सुधार कर लेंगे। बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओंं को देखते हुए हमें विश्वास है कि माल ढुलाई का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।’