दुनियाभर में चल रहे ऊर्जा, खाद्य एवं वित्तीय आदि संकटों के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने से निराश प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के मुद्दों को सुलझाने में भारत की आवाज भी सुननी होगी।
वे यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। महंगाई को तात्कालिक चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समस्या पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर्याप्त नहीं रही हैं।
