भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नए सिरे से ट्रैफिक सर्वे पूरा करने के बाद अगले चरण का सड़क मुद्रीकरण शुरू करेगा। कोविड-19 के कारण पिछले 1 साल में यातायात में बदलाव को देखते हुए ऐसा करने की योजना है।
इसके पिछले दौर के टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) में ट्रैफिक का अनुमान दो साल पहले कराए गए सर्वे के आधार पर लगाया गया था। महामारी के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही में खासा बदलाव आया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पहले के सर्वे पुराने पड़ गए हैं और अब नए ट्रैफिक मूल्यांकन व आवाजाही के आधार पर ही उन परियोजनाओं के वास्तविक मूल्य का अनुमान लगाया जा सकता है, जिन्हें टीओटी के तहत निवेशकों को दिया जाना है।
एनएचएआई के अधिकारियों का मानना है कि इस समय ट्रैफिक में कोविड के कारण उतार-चढ़ाव है और प्राधिकरण अगले चरण के टीओटी की पेशकश के पहले इसके स्थिर होने का इंतजार करेगा। एक स्वतंतत्र विशेषज्ञ ने कहा, ‘पहले के सर्वे नियत तिथि के थे और कोविड के असर को देखते हुए प्राधिकरण को नए सिरे से सर्वे कराने की जरूरत है।’
प्राधिकरण ने टीओटी मॉडल पर अब तक 17,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। हाल के पांचवें दौर के टीओटी नीलामी के दौर में एनएचआई को आरक्षित मूल्य से 600 करोड़ रुपये ज्यादा की बोली मिली थी। एनएचएआई इनविट और टीओटी मॉडल पर राष्ट्रीय राजमार्गों के मुद्रीकरण की प्रक्रिया चला रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान मुद्रीकरण योजना में 32 परियोजनाओं की पेशकश की जाएगी, जो कुल 1500 किलोमीटर से ज्यादा लंबी हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में अगले 5 साल के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के मुद्रीकरण से 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनई थी। उन्होंने इस उद्योग में काम कर रहे लोगों से अपील की थी कि वे आगे आएं और राजमार्ग क्षेत्र में निवेश कर बेहतर लाभांश कमाने का लाभ उठाएं। टीओटी मॉडल के अलावा एनएचएआई इनविट को भी सड़क मुद्रीकरण के लिए आजमा रही है। इनविट मॉडल के लिए एनएचएआई ने 19 परियोजनाएं रखी हैं, जिनकी कीमत 35,000 करोड़ रुपये है।
