इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी-20 की आगामी सीरीज के विज्ञापनों से दूर रहने वाली चीन की कंपनियों के न होने की वजह से क्या आधिकारिक टेलीविजन और डिजिटल प्रसारणकर्ता स्टार डिज्नी की कमाई पर पड़ेगा? चीन की कंपनी विवो ने इस साल टूर्नामेंट का टाइटल प्रायोजक न होने का फैसला किया है और ऐसे में मुमकिन है कि प्रसारक कंपनी को टीवी पर विज्ञापन देने के लिए बड़ी रकम न मिले।
तो आईपीएल में चीन के ब्रांडों का कितना निवेश था? आईपीएल 2019 के बार्क डेटा को आधार बनाकर देखा जाए तो टीवी पर कारोबार के आधार पर आईपीएल के शीर्ष 10 विज्ञापनदाताओं में केवल दो चीनी कंपनियां विवो और ओप्पो शामिल थीं और कुल विज्ञापन कारोबार में इनकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत तक थी। दूसरी शीर्ष कंपनियों में कोक, मारुति सुजुकी, टाटा, विनी, सैमसंग, स्पोर्टा टेक्नॉलजीज शामिल हैं।
साल 2018 में आईपीएल विज्ञापन में 12 प्रतिशत कारोबारी हिस्सेदारी के साथ विवो का कड़ा मुकाबला ओप्पो के साथ था लेकिन दिलचस्प बात यह है कि वे क्रम में पहले पायदान पर नहीं थे। हालांकि सॉफ्ट ड्रिंक की कंपनी कोका कोला को यह रुतबा हासिल हुआ जो आईपीएल के लिए सॉफ्ट ड्रिंक साझेदार भी है। विज्ञापन कारोबार में कंपनी की हिस्सेदारी 13 फीसदी तक थी। दूसरे पायदान पर एक वित्तीय सेवा कंपनी एफएक्स मार्ट प्राइवेट लिमिटेड थी जिसके बाद विवो और फिर ऑप्पो का स्थान था ।
स्टार डिज्नी ने पिछले साल विज्ञापन से 3,000 करोड़ रुपये की कमाई की थी और यह सवाल पूछे गए हैं कि क्या वे इस साल भी इसे हासिल कर सकते हैं? लेकिन प्रसारणकर्ता कंपनी ने आईपीएल विज्ञापन के लिए जाने वाली प्रीमियम में किसी भी कटौती से इनकार किया है जो शीर्ष स्तर के खेलों के लिए 10 सेकंड के विज्ञापन स्पॉट के लिए 8 लाख रुपये से लेकर 12 लाख रुपये तक है। प्रसारणकर्ता कंपनी की रणनीति से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, ‘अगर आप रॉल्स रॉयस खरीदना चाहते हैं तो आप हमें इस गाड़ी को मारुति की कीमत पर देने के लिए नहीं कह सकते हैं।’ उनका आत्मविश्वास इस बात पर आधारित है कि केवल आईपीएल जैसा इवेंट ही किसी भी कंपनी को दर्शकों का इतना व्यापक दायरा दे सकता है जो आगे भी बढऩे की उम्मीद है। पिछले साल इसे देश में 42.4 करोड़ से अधिक दर्शक या देश में टीवी देखने वाली 51 फीसदी आबादी मिली। करीब 1 फीसदी प्रशंसक जो इस मैच को मैदान में देखते हैं, इस साल उनके पास अब टीवी से संतुष्ट होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा ऐसे में यह तादाद आगे बढऩे की उम्मीद है।
कंपनी के घटनाक्रम के बारे में जागरूक सूत्रों का यह भी कहना है कि विज्ञापन में चीन का निवेश केवल मोबाइल कंपनियों के जरिये ही सीमित है और इसकी पूर्ति बड़ी आसानी से किसी नए टाइटल प्रायोजक के जरिये की जा सकती है जो विवो की जगह लेगा। इसके अलावा कई अन्य विज्ञापनदाता हैं जो सितंबर से नवंबर तक चलने वाले आईपीएल कार्यक्रम का इस्तेमाल करना चाहते हैं और इन दिनों त्योहारी सीजन भी होगा। पहले आईपीएल मार्च में कराया जाता था।
लेकिन मीडिया विशेषज्ञों इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं और उनका कहना है कि उन्हें विज्ञापन दरों में कमी करना होगा क्योंकि इसके अलावा भी बिगबॉस और केबीसी जैसे कार्यक्रम कम विज्ञापन दरों के साथ पेश किए जाएंगे।
