अमेरिका की एक अदालत ने भारत के राजनयिक कर्मचारियों के इस्तेमाल में आने वाली 26 मंजिली इमारत के अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत कर मुक्त होने की दलील खारिज करने के बाद उसे चार करोड़ 24 लाख डॉलर का भूसंपदा कर अदा करने का आदेश दिया है।
मैनहटन स्थित इस इमारत के कुछ हिस्से में भारत का संयुक्त राष्ट्र मिशन है जो कर मुक्त है लेकिन न्यूयार्क शहर उस 20 मंजिली इमारत के लिए कर मांग रहा है जिसमें भारत के राजनयिक कर्मचारी रहते हैं। भारत की दलील है कि अपार्टमेंट्स में रहने वाले राजनयिक कर्मचारियों को कर नहीं देना पड़ता है इसलिए इमारत पर कर नहीं वसूल किया जा सकता लेकिन अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज जेड एस. रैकोफ ने कहा कि विएना समझौते के मुताबिक सिर्फ मिशन प्रमुख का आवास ही करमुक्त होगा।