प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कोविड-19 महामारी से रोकथाम का टीका कुछ हफ्तों में भारत में उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आठ टीकों पर परीक्षण चल रहा है, जिनमें तीन भारत के ही हैं। मोदी ने कहा कि खर्च के साथ इन टीकों के इस्तेमाल में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना काफी अहम है और इस लिहाज से भारत स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय पर कदम आगे बढ़ाएगा। मोदी ने संसद में प्रतिनिधित्व रखने वाले दलों के साथ एक बैठक में कहा कि कुछ हफ्तों में ऐसा टीका उपलब्ध हो सकता है। इस बैठक में पांच या इससे अधिक सदस्यों वाले राजनीतिक दलों के 13 नेताओं ने अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि टीके पर आने वाले खर्च की चर्चा राज्य सरकारों के साथ की जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव में जारी अपने घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा था कि राज्य में कोविड-19 से रोकथाम के टीके का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। राज्य सरकारों ने अपने सुझाव में कहा था कि स्वास्थ्य समुदाय और कोविड से निपटने में सक्रिय लोगों तथा बुजुर्गों को टीका लगाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वैज्ञानिकों से मशविरा मिलने के बाद टीकाकरण अभियान पूरे देश भर में शुरू कर दिया जाएगा।’ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बैठक में कहा कि कोविड-19 का टीका सबसे पहले निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों -डॉक्टर, नर्स एवं अन्य- को लगाया जाएगा। भूषण ने कहा कि इसके बाद कोविड की रोकथाम में अहम योगदान देने वाले 2 करोड़ लोगों -पुलिस, सशस्त्र बलों के लोग, निगम कर्मी सहित अन्य को टीके लगाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास टीकाकरण कार्यक्रम वृहद पैमाने पर चलाने का खासा अनुभव है। उन्होंने कहा कि टीके के रखरखाव एवं परिवहन के लिए शीत भंडारण (कोल्ड चेन) एवं अन्य सुविधाओं पर राज्यों के साथ चर्चा चल रही है। भारत ने को-विन नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो लाभार्थियों, उपलब्ध टीका भंडार और इसके भंडारण की वास्तविक जानकारी देगा। टीके पर शोध के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया है। मोदी ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम में बेहतर समन्वय के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है, जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी, वैज्ञानिक, विभिन्न राज्य मंडलों के प्रतिनिधि और विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है और टीके पर स्थानीय या राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय यह समूह लेगा।