न्यायालय ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों सहित आठ लोगों की हत्या को गुरुवार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इस स्थिति रिपोर्ट में राज्य सरकार को प्राथमिकी में नामित आरोपियों के विवरण के साथ ही यह भी बताना है कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक जांच आयोग का विवरण भी मांगा है। सियासी तूफान खड़ा करने वाली इस घटना पर प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के तीन सदस्यीय पीठ ने स्वत: संज्ञान के मामले के रूप में सुनवाई की। पीठ ने अगली सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की है।
जांच आयोग गठित
लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने जांच आयोग गठित कर दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को आयोग के एकमात्र सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले की जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से नहीं बल्कि सेवारत न्यायाधीश से कराने की मांग की है। आयोग को मामले की जांच के लिए दो महीने का समय दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी कांड में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है।