मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने घोषणा की कि वह अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अपना पद छोडऩे जा रहे हैं। सुब्रमण्यन ने कहा कि उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है। उनका कार्यकाल 6 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
उन्होंने यह घोषणा 12 अक्टूबर से वित्त वर्ष 2022-23 के बजट की तैयारियां शुरू होने से पहले की है। सूूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार जल्द ही चयन प्रक्रिया शुरू करेगी और प्रतिनियुक्ति आधार पर नई नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाएगी। हालांकि अगर उनके उत्तराधिकारी की समय पर नियुक्ति हो गई तो उनके पास वित्त वर्ष 2022 की आर्थिक समीक्षा लिखने के लिए महज कुछ महीने होंगे।
सुब्रमण्यन ने एक लंबे बयान में कहा, ‘एक अत्यधिक अनिश्चितता और अहम बदलाव के दौर में योगदान देने का मौका मुहैया कराया जाना बहुत अच्छा रहा है। इसलिए मैं खुद को दिए गए बड़े मौके का ख्याल रखते हुए अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद एक शोधार्थी के रूप में देश सेवा के लिए खुशी-खुशी लौटूंगा।’
सुब्रमण्यन ने अपने पूववर्ती अरविंद सुब्रमण्यन के अपना पद छोडऩे के करीब पांच महीने बाद 7 दिसंबर 2018 को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) का पदभार संभाला था। अरविंद सुब्रमण्यन ने 2018 में पद छोड़ दिया था और कुछ वजहों से अमेरिका वापस चले गए थे। हालांकि उस समय उनका करीब एक साल का कार्यकाल बचा हुआ था।
50 वर्षीय सुब्रमण्यन ने अपने नोट में सरकार का अत्यधिक समर्थन मिलने पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा प्रेरक नेता नहीं मिला।’
