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दूरसंचार आयोग को भंग करने की सलाह

Last Updated- December 05, 2022 | 5:07 PM IST

छठे वेतन आयोग ने संस्तुति की है कि भारतीय संचार सेवा (ग्रुप-ए) के सभी अधिकारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में शामिल किया जाए या इन्हें सरप्लस पूल में डाल दिया जाए।


इसमें यह भी सलाह दी गई है कि टेलीकॉम कमीशन को भंग किया जाना चाहिए। एमटीएनएल और बीएसएनएल निजी ऑपरेटरों की तरह ही विस्तृत सेवाएं प्रदान कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अब इस विभाग में टेलीकॉम कमीशन बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है।’


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब आईटीएस (ग्रुप-ए) की कोई जरूरत नहीं है जो केंद्रीय सेवाओं के 2400 की क्षमता वाली एक टीम है। ये अधिकारी हाल तक टेलीफोन सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते थे। अब यह कार्पोरेट क्षेत्र बन चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब आईटीएस (ग्रुप-ए) सेवाओं को बहाल रखने की कोई जरूरत नहीं है।


रिपोर्ट में औद्योगिक क्षेत्र में शोध और विकास संस्थानों में निजी क्षेत्रों के बढ़ते महत्त्व पर भी ध्यान दिलाया गया है। इस क्षेत्र में 50:50 प्रतिशत की सार्वजनिक निजी भागीदारी की भी अनुशंसा की गई है। आयोग ने नेशनल शुगर इंस्टीच्यूट और नेशनल टेस्ट हाउस के लिए विशेष भत्ता दिए जाने के अनुरोध को भी ठुकरा दिया है। इसमें कहा गया है कि शुगर टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षण से उद्योग को फायदा मिलता है।


आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस तरह के संस्थान सार्वजनिक निजी भागीदारी से चलने चाहिए। यही उचित होगा कि इस तरह के अन्य संस्थानों की तरह इसमें भी शुगर इंडस्ट्री और कोआपरेटिव 50-50 प्रतिशत का खर्च वहन करें।’ रेल विभाग के कर्मचारियों को उचित वेतन और भत्ता दिए जाने की अनुशंसा के साथ ही आयोग ने यह सलाह दी है कि इसका कार्पोरेटाइजेशन किए जाने की जरूरत है।


अगर इसे केंद्र सरकार के अधीन जारी रखा जाता है तो अलग से पे-स्केल लागू किया जाना संभव नहीं होगा।  वेतन आयोग ने एक महत्वपूर्ण तथ्य पाया है कि सॉल्ट कमिशनर के कार्यालय पर सरकार 10 करोड़ रुपये खर्च करती है और सॉल्ट सेस से कुल कलेक्शन 2.5 करोड़ रुपये आता है और जमीन के किराए से 1 करोड़ रुपये आता है। कमीशन का कहना है कि यह कार्यालय बंद कर दिया जाना चाहिए। 


कम किराए पर चलने वाले एयरलाइंस को देखते हुए आयोग का कहना है कि कर्मचारियों को कार्यालयीय कार्यों  और छुट्टियों के लिए हवाई यात्रा करने की सीमा 5400 रुपये वेतनमान तक लाया जाना चाहिए।


अन्य महत्वपूर्ण सुझाव


सरकार द्वारा संचालित सभी औषधालयों को केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अधीन लाया जाना चाहिए। इसके सभी कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस योजना के तहत लाया जाना चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं चलानी चाहिए।
स्वास्थ्य सेवा महा निदेशालय में सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो की शाखा स्पेशलाइज्ड आर्किटेक्चर विंग को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में मिला दिया जाना चाहिए।
वरिष्ठ अधिकारियों के आवास पर तैनात नियमित कांस्टेबल और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। इस नियम के किसी भी तरह के उल्लंघन पर सुरक्षा सहायकों के खर्च को अधिकारी के वेतन से काट लिया जाना चाहिए।
अंतरिक्ष एवं आण्विक ऊर्जा विभाग में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की काँट्रैक्ट पर नियुक्ति शुरू की जानी  चाहिए। इस क्षेत्र में अतिरिक्त बजट सहायता की भी जरूरत है।

First Published - March 26, 2008 | 11:51 PM IST

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