स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में तेजी से प्रगति से गलत प्रचार अधिक विश्वसनीय प्रतीत हो रहा है। उन्होंने झूठ पर आधारित नीतियों के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण एक ही समय में अधिक पारदर्शिता और ज्ञान तथा सूचना को साझा करने की क्षमता भी प्रदान करता है।
यहां विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक में अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा, “अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह भरोसा बनाने में मदद कर सकती है। स्विट्जरलैंड विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के वैश्विक प्रचालन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा, “जो लोग अपनी नीतियों को झूठ और विचारधाराओं पर आधारित करते हैं वे अल्पावधि में बढ़त हासिल करने में सक्षम हो सकते हैं। लेकिन मध्यम और लंबी अवधि में वे भरोसा खो देंगे। अच्छी नीतियां सत्यापित तथ्यों पर आधारित होती हैं और वैज्ञानिक निष्कर्षों को ध्यान में रखती हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष की वार्षिक बैठक का आदर्श वाक्य ‘विश्वास का पुनर्निर्माण’ केवल एक मुहावरा नहीं है, बल्कि स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वैश्विक समुदाय के बीच आपसी विश्वास इस समय खराब दौर में है। उन्होंने कहा, “खेल के नियमों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।”
स्विस राष्ट्रपति ने अफसोस जताया, “सत्तावादी या यहां तक कि अधिनायकवादी विचारों को भी कभी-कभी स्वीकार किया जा रहा है, जैसे कि बीसवीं सदी के सबक भूल गए हों।”
उन्होंने कहा कि यह तथ्य कि सत्तावादी शासन अपनी सीमाओं से परे लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों को भी कमजोर करते हैं, विश्वास की इस हानि में योगदान करते हैं।
एमहर्ड ने कहा कि विश्वास का पुनर्निर्माण संभव है लेकिन इसके लिए संवाद और सम्मान तथा स्पष्ट नियमों की आवश्यकता है। उन्होंने न केवल देशों के बीच बल्कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय प्रणाली में संगठनों के बीच भी प्राथमिकता के आधार पर खुले और पारदर्शी आदान-प्रदान का आह्वान किया।