एक ओर जहां अमेरिका में भारत से आने वाले प्रशिक्षित कामगारों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है, वहीं अमेरिका ने अब एक नया कानून बना दिया है।
जिसके तहत कोई भी विदेशी कामगार एक वित्तीय वर्ष में केवल एच1बी वीजा के लिए ही एक ही आवेदन पेश कर सकेगा। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने घोषणा की कि, ”यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जितने भी एच1बी वीजा उपलब्ध हैं उन्हें निष्पक्ष तरीके से उपलब्ध कराया जा सके।”
नये कानून के अनुसार अगर कोई कामगार एक से अधिक आवेदन पेश करता है तो ऐसे में यूएससीआईएस उसके सारे आवेदनों को रद्द कर देगा और साथ ही उसे आवेदन शुल्क भी नहीं लौटाया जाएगा।
गौरतलब है कि अमेरिकी सरकार ने वित्त वर्ष 2009 के लिए 65,000 एच1बी वीजा उपलब्ध कराने की बात कही है। इस नये कानून से एक बात जो सामने निकलकर आ रही है वह यह है कि अब ज्यादा से ज्यादा लोग जिन्होंने इस वीजा के लिए आवेदन किया हो, उन्हें स्वीकृति मिल जाने की संभावना होगी। अमेरिकी कंपनियों पिछले कुछ समय से एच1बी वीजा की संख्या बढ़ाने की मांग करती आ रही हैं और पिछले दिनों माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष बिल गेट्स ने भी इस वीजा की संख्या बढ़ाने की मांग की थी।
इस नये कानून के तहत पहले 20,000 ऐसे एच1बी कामगार जिनके पास अमेरिकी स्नातकोत्तर या उससे ऊपर की डिग्री है उनपर किसी तरीके की पाबंदी नहीं लगाई गई है। जैसे ही यूएससीआईएस के पास 65,000 वीजा के लिए आवेदन आ जाते हैं तो वह इस बात की घोषणा कर देगी कि उसे आगे कोई आवेदन नहीं सौंपा जाए।
नए कानून में यूएससीआईएस को यदि ऐसा लगता है कि आवेदन जमा करने के लिए दी गई तारीख के पहले पांच दिन में ही 20,000 से अधिक अमेरिकी डिग्रीधारकों के वीजा आवेदन आ जाते हैं तो चयन के लिए रैंडम प्रक्रिया अपनाई जाएगी। नये कानून के तहत गलत सूचना के साथ किए गए आवेदनों पर भी कोई विचार नहीं होगा।