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$1 लाख H-1B वीजा शुल्क से अमेरिकी कंपनियों में खलबली, ट्रंप को चेतावनी

पत्र में कंपनियों ने कहा, “H-1B वीज़ा में सुधार उद्योग के साथ मिलकर करें, ताकि टैलेंट भर्ती और बनाए रखने में मुश्किल न बढ़े।"

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 04, 2025 | 9:50 AM IST

अमेरिकी कंपनियों ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि H-1B वीजा पर प्रस्तावित $1 लाख (लगभग 90 लाख रुपये) शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था और प्रमुख उद्योगों के लिए हानिकारक हो सकता है। कंपनियों का कहना है कि इससे विदेशी कुशल कर्मचारियों को भर्ती करना मुश्किल हो जाएगा और कई सेक्टर में टैलेंट की कमी पैदा हो सकती है।

एक पत्र में करीब दर्जन भर कंपनियों ने इस बात पर चिंता जताई, जिनमें चिप निर्माता, सॉफ्टवेयर फर्म और रिटेल कंपनियां शामिल हैं। पत्र में बिजनेस सॉफ्टवेयर एलायंस, सेमी, नेशनल रिटेल फेडरेशन, एंटरटेनमेंट सॉफ्टवेयर एसोसिएशन और आईटी इंडस्ट्री काउंसिल जैसे संगठन शामिल थे।

पत्र में कंपनियों ने कहा, “हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि H-1B वीजा प्रोग्राम में जरूरी सुधार उद्योग के साथ मिलकर करें, ताकि अमेरिकी कंपनियों के सामने टॉप टैलेंट भर्ती, प्रशिक्षण और बनाए रखने की चुनौतियां और बढ़ें नहीं।”

टेक और हेल्थकेयर सेक्टर की चिंता

यह शुल्क H-1B प्रोग्राम के दुरुपयोग को रोकने और कंपनियों को घरेलू कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित है। लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ेगा। माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, वॉलमार्ट और इंटेल जैसी कंपनियां लंबे समय से H-1B वर्कर्स पर निर्भर हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में कुशल कर्मचारियों की जरूरत होती है। उद्योग समूहों ने कहा कि नया शुल्क इन क्षेत्रों में प्रगति धीमी कर सकता है और अमेरिका की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में नेतृत्व को प्रभावित कर सकता है।

व्हाइट हाउस ने नए नियम का बचाव करते हुए कहा कि यह नीति टैलेंट तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी और धोखाधड़ी को कम करेगी। प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा, “वीजा का दुरुपयोग अमेरिकी कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए हानिकारक है।”

कंपनियां H-1B कर्मचारियों को अमेरिका छोड़ने से रोकने की कोशिश कर रही हैं, जो इस प्रोग्राम की महत्ता को दर्शाता है।

कानूनी चुनौती

3 अक्टूबर को $1 लाख शुल्क को लेकर पहली बड़ी कानूनी चुनौती सामने आई। एक ग्लोबल नर्स स्टाफिंग एजेंसी और कई यूनियनों ने सैन फ्रांसिस्को की फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन के पास ऐसा शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है।

मुकदमे में कहा गया है कि कंपनियों को या तो शुल्क देना होगा या ‘राष्ट्रीय हित’ अपवाद के लिए आवेदन करना होगा, जिससे चुनिंदा कार्यान्वयन की संभावना बन सकती है। शुल्क मौजूदा H-1B चार्ज के अलावा होगा और इसमें श्रम सचिव को वेतन स्तर संशोधित करने का निर्देश भी शामिल है।

First Published : October 4, 2025 | 9:50 AM IST