प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंक के बूते साम्राज्य खड़ा करने की सोच और तोडऩे वाली शक्तियां भले ही कुछ समय के लिए हावी हो जाएं लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता और वह मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोगों के आध्यात्मिक भाव ने सदियों तक देश को एकजुट रखा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने और विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति के लिए ‘आध्यात्मिक पर्यटन’ क्षेत्र विकसित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन और शिलान्यास करने के दौरान अपने संबोधन में मोदी ने यह बात कही जो मंदिर गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में मौजूद है।
उन्होंने कहा, ‘इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कई बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई लेकिन इसे जितनी बार गिराया गया, यह उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ। इस मंदिर ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता।
आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भगवान सोमनाथ का मंदिर आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए एक भरोसा और विश्वास का प्रतीक है। जो तोडऩे वाली शक्तियां है, जो आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है, वह किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाएं लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता। यह बात तब भी इतनी ही सही थी जब कुछ आतताई सोमनाथ मंदिर को गिरा रहे थे और आज भी इतनी ही सही है जब विश्व ऐसी विचारधाराओं से आशंकित है।’ प्रधानमंत्री का यह बयान बेहद महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है, जब पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। हालांकि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ना तो किसी देश का नाम लिया और ना ही किसी संगठन का।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करीब 83 करोड़ रुपये की लागत की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें सोमनाथ समुद्र दर्शन पैदल पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुनर्निर्मित अहिल्याबाई होलकर मंदिर शामिल हैं।