अमेरिका द्वारा स्टील व एल्युमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाए जाने पर भारत द्वारा विश्व व्यापार संगठन में परामर्श लेने के बावजूद इस मसले पर अमेरिका के खिलाफ विवाद दायर करने की संभावना कम है, क्योंकि दोनों पक्ष इस समय बातचीत कर रहे हैं, जिससे आपस में लाभदायक व्यापार समझौते पर पहुंच सकें। स्टील और एल्युमीनियम पर संरक्षण शुल्क लगाए जाने पर परामर्श किया जाना पहला मामला है, जिस पर भारत और अमेरिका डब्ल्यूटीओ में आमने सामने हैं। इसके पहले जो बाइडन प्रशासन ने इस बहुपक्षीय निकाय में दायर सभी 7 लंबित मामले वापस लेने का फैसला किया था।
एक सरकारी अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया, ‘समझौते में ही यह प्रावधान है कि अगर एक सदस्य को लगता है कि दूसरे सदस्य द्वारा उठाए गए सुरक्षात्मक कदम अतार्किक हैं तो वह सदस्य से 30 दिन के भीतर परामर्श के कदम उठाने को कह सकता है। यह बहुत प्रक्रियात्मक मसला है। हमने परामर्श मांगा है। यह कोई बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाने वाला कदम नहीं है, बल्कि परामर्श के बाद जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित है।’ भारत ने तर्क दिया है कि अमेरिका ने इन उपायों को देश की सुरक्षा से जोड़ा है, लेकिन यह संरक्षण देने वाला कदम है।
डब्ल्यूटीओ में अपनी प्रस्तुति में भारत ने कहा, ‘अमेरिका ने सुरक्षा उपायों को लागू करने के निर्णय पर सुरक्षा उपायों पर समझौते (एओएस) के अनुच्छेद 12.1 (सी) के तहत डब्ल्यूटीओ सुरक्षा समिति को सूचित करने में विफल रहा।’ इसमें आगे कहा गया है, ‘भारत को अमेरिका से इस अनुरोध पर शीघ्र उत्तर मिलने तथा उपर्युक्त परामर्शों के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि और स्थान निर्धारित करने की आशा है।’
बहरहाल अधिकारी ने कहा कि भारत द्वारा चीन और अन्य देशों के साथ मिलकर अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क (जो अब निलंबित है) या वर्तमान में प्रभावी 10 प्रतिशत बेसलाइन शुल्क पर डब्ल्यूटीओ में खींचने की संभावना नहीं है। चीन ने 4 अप्रैल को अमेरिका द्वारा चीन से होने वाले आयात पर देश विशेष के हिसाब से लगाए गए अतिरिक्त शुल्क पर परामर्श का अनुरोध किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘आखिरकार यह राजनीतिक फैसला होगा। अमेरिका का कदम वैश्विक व्यापार ढांचे के लिए के लिए झटका है। लेकिन क्या जिन मसलों पर वर्षों से विवाद है, सिर्फ उसी माध्यम से समाधान हो सकता है? हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते के माध्यम से समाधान खोजने के लिए अमेरिका के साथ बात कर रहे हैं।’
डब्ल्यूटीओ में अपीली न्यायाधिकरण इस समय निष्क्रिय है, क्योंकि अमेरिका ने संगठन में जजों की नियुक्ति के मसले पर अवरोध खड़ा करता रहा है। इससे सदस्य देशों के बीच व्यापार संबंधी विवादों पर अंतिम फैसला देने में प्रभावी रूप से बाधा पैदा हो रही है।