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‘अदाणी रिश्वत आरोप’ पर US Govt का चौंकानेवाला बयान, क्या पीएम मोदी को मिलेगा US Prez शपथ ग्रहण का निमंत्रण ?

उल्लेखनीय है कि अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारतीय अधिकारियों को 2,100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया था

Last Updated- January 09, 2025 | 9:10 PM IST
PM Modi and Donald Trump

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि हमारे पास एक स्वतंत्र न्याय प्रणाली है। गार्सेटी ने यह भी कहा कि यहां (भारत में) उद्योगपतियों और बड़ी कंपनियों के साथ हमारे बेहतर भागीदारी रही है और हम नए कारखानों, बंदरगाहों का प्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषण कर रहे हैं। अमेरिकी राजदूत के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है।

मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं के साथ अलग से बातचीत में गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में ‘अनंत संभावनाएं’ हैं। भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका में लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गार्सेटी ने कहा, ‘‘मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। हमारे पास एक स्वतंत्र आपराधिक न्याय प्रणाली है। यहां उद्योगपतियों और बड़ी कंपनियों के साथ हमारे बेहतर भागीदारी रही है और हम नए कारखानों, बंदरगाहों का प्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषण कर रहे हैं।’’

‘अदाणी ने भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ की रिश्वत दी’ – अमेरिकी अभियोजक

उल्लेखनीय है कि अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। अमेरिकी अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में अदाणी पर रिश्वत देने और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगाये। इसमें न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग की तरफ से दायर एक आपराधिक मामला है। इसमें उनपर और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य लोगों पर महंगी सौर बिजली खरीदने को लेकर आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों के अधिकारियों को रिश्वित देने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, अदाणी समूह ने अमेरिकी अधिकारियों के रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया और कहा कि वह मामले में सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।

‘यदि आप भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो आपको भारत आने की जरूरत है’- अमेरिकी राष्ट्रपति

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मामले में एकजुट हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को ‘‘बहुआयामी’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी स्वप्न और भारतीय स्वप्न एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। गार्सेटी ने भारत में अपने कार्यकाल को ‘‘अत्यंत असाधारण’’ बताया और कहा कि भारत ने उनका दिल जीत लिया। यहां एक कार्यक्रम से इतर चुनिंदा मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में ‘‘अनंत संभावनाएं’’ हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में उनका कार्यकाल उनके जीवन का सबसे असाधारण कार्य रहा। गार्सेटी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जो. बाइडन ने कहा था कि भारत उनके लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण देश है और यदि आप भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो आपको भारत आने की जरूरत है। किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने कभी ऐसा नहीं कहा है।’’ दोनों देशों के बीच संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुनिया में भारत की भूमिका का स्वागत करता हूं – चाहे वह यूक्रेन-रूस संघर्ष में शांति हो, हिंद महासागर में गश्त हो। हम भारत की प्रगति देखना पसंद करते हैं। यह एक मजबूत, गौरवान्वित भारत है जिसे आधुनिक दुनिया ने कभी नहीं देखा है।’’

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आतंकवाद पर भारत के कितने साथ है अमेरिका ?

गार्सेटी ने मुंबई में ‘पीस एंड द रोल ऑफ द यूएस- इंडिया डिफेंस एंड सिक्योरिटी पार्टनरशिप’ विषय पर एक सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने और सहयोग बढ़ाने पर संतोष व्यक्त किया। गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी स्वप्न और भारतीय स्वप्न एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, दोनों देशों के बीच संबंध ‘‘बहुआयामी’’ हैं और दोनों की साझेदारी की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने आतंकवाद के कारण अनेक निर्दोष लोगों की मौत पर चिंता जताई।

गार्सेटी ने कहा, ‘‘दोनों देशों को लश्कर, जैश, आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से खतरा है। इन आतंकवादी संगठनों की कोई सीमा नहीं है। हमें मिलकर इस खतरे का सामना करना चाहिए। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से कहीं आगे एक- दूसरे का सहयोग करते हैं, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि हम समुदायों को कट्टरपंथ से मुक्त कैसे बना सकते हैं।” उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने तथा सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।

अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘‘हमारा संबंध योगात्मक नहीं, बल्कि गुणात्मक है। हम ऐसे देश नहीं हैं जो केवल यह सोचते हैं कि हमारे लोगों के लिए क्या सबसे अच्छा है, बल्कि हम दुनिया के बारे में भी सोचते हैं और हम सैन्य, स्वास्थ्य, जलवायु और महिला सशक्तीकरण के मामले में जो कुछ भी करते हैं, उसके प्रभाव के संबंध में भी सोचते हैं।अमेरिका भारत का शीर्ष सैन्य अभ्यास साझेदार है और हमने अलास्का के पहाड़ों से लेकर हिंद महासागर तक में संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं।’’

क्या पीएम मोदी को मिलेगा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह का निमंत्रण ?

यह पूछे जाने पर कि इस महीने के अंत में होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा, गार्सेटी ने कहा कि मोदी और ट्रंप अत्यंत करीबी मित्र हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस वक्त का इंतजार कर रहा हूं कि वे सीधे वाशिंगटन में मिलेंगे और बाद में भारत में जब क्वाड की मेजबानी यहां होगी। यह भीड़ भरे शपथग्रहण के निमंत्रण के बारे में नहीं है, बल्कि आमने-सामने की बातचीत है जो हम करेंगे और हमारे संबंधों में नए अध्याय को परिभाषित करेंगे।’’

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साल 2023 में 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा भारत-अमेरिका व्यापार

वर्ष 2023 के लिए वस्तुओं और सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 बिलियन डॉलर याने 16 लाख 32 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, अमेरिका से भारत में तीसरा सबसे ज्यादा FDI आया था, जो 4.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर याने लगभग 43 हजार करोड़ रुपये का था। अमेरिका से भारत में एफडीआई, भारत के कुल FDI का 9% था।

अप्रैल 2023 में जारी CII के एक अध्ययन के अनुसार, 163 भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में 40 बिलियन डॉलर याने लगभग 3 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे अमेरिका में सीधे तौर पर 425,000 से अधिक Jobs generation हुआ। इक्विटी निवेश, सह-बीमा, अनुदान, व्यवहार्यता अध्ययन और तकनीकी सहायता को सक्षम करने के लिए भारतीय वित्त मंत्रालय और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग [DFC] के बीच 2022 में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। जनवरी 2024 तक, DFC का भारत पोर्टफोलियो 100 से अधिक परियोजनाओं में 4.0 बिलियन याने लगभग 35 हजार करोड़ रुपये के करीब रहा।

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First Published - January 9, 2025 | 8:52 PM IST

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