पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने कथित चुनावी धांधली में सरकारी अधिकारियों तथा निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों की संलिप्तता के लिए उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान चलाए जाने के बाद एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया है, जिसमें गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी शामिल हैं।
मीडिया में बृहस्पतिवार को आईं खबरों में यह जानकारी दी गई है। खबरों के अनुसार, जेआईटी को 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। यह सरकारी अधिकारियों तथा पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के पदाधिकारियों पर आरोप लगाने वालों से पूछताछ करेगा।
दोषियों की पहचान के बाद संबंधित कानूनों के तहत उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने सरकारी अधिकारियों और निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों पर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं।
डॉन.कॉम की खबर में कहा गया है, “गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, जेआईटी का गठन इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) 2016 की धारा 30 के तहत किया गया है और संघीय अन्वेषण एजेंसी (एफआईए) के एक अतिरिक्त महानिदेशक इसके संयोजक होंगे।”
खबर में कहा गया है कि जेआईटी के अन्य सदस्य इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (नादरा) और पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) से होंगे।