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यूक्रेन ने कैसे रूस के घर में घुसकर इतना बड़ा हमला कर दिया? जेलेंस्की ने बताया पूरा प्लान, कहा- अभी और सजा मिलेगी

यूक्रेन ने ‘Operation Spider Web’ के तहत 117 ड्रोन्स से रूस के सैन्य ठिकानों पर सबसे बड़ा हमला किया, जिससे बॉम्बर्स और सैन्य ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।

Last Updated- June 02, 2025 | 6:35 PM IST
Operation Spider Web
यूक्रेन द्वारा रूस पर हुए हमले के बाद उठता धुआं | फोटो क्रेडिट: X

Russia Ukraine War: बीते रविवार को यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया था, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन को ‘Spider Web’ नाम दिया। हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे ‘शानदार’, ‘सफल’ और ‘ऐतिहासिक’ बताया है। यह हमला बीते रविवार को हुआ, जिसमें 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल करके रूस के कई हजार किलोमीटर अंदर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन की योजना डेढ़ साल से ज्यादा समय से बन रही थी। 

Operation Spider Web: कैसे हुई शुरुआत?

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध अब तीसरे साल में है। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई बड़े हमले किए, लेकिन यूक्रेन का यह ताजा ड्रोन हमला अपनी रणनीति और प्रभाव के कारण खास है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि इस ऑपरेशन की तैयारी डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी। 

जेलेंस्की ने कहा कि इस हमले में हर छोटी-बड़ी डिटेल पर बारीकी से काम किया गया। इसमें 117 ड्रोन्स और उतने ही ड्रोन ऑपरेटर्स शामिल थे। इन ड्रोन्स को रूस के सैन्य ठिकानों, खासकर हवाई अड्डों पर तैनात स्ट्रैटेजिक क्रूज मिसाइल कैरियर्स को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हमारे लोगों ने रूस के कई इलाकों में, जिसमें तीन अलग-अलग टाइम जोन्स शामिल थे, सटीक हमला किया। इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि हमारा कंट्रोल सेंटर रूस की खुफिया एजेंसी FSB के ऑफिस के ठीक बगल में था। यह बात इस हमले की गुप्त और साहसिक प्रकृति को दर्शाती है। यूक्रेन ने न सिर्फ रूस की सीमा में घुसकर हमला किया, बल्कि इसे इतनी चतुराई से अंजाम दिया कि रूसी सेना को भनक तक नहीं लगी।”

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ड्रोन्स का जाल: कैसे हुआ हमला?

इस हमले की सबसे हैरान करने वाली बात थी इसकी रणनीति। बीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने छोटे-छोटे फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जो रियल-टाइम वीडियो फीड के जरिए ऑपरेटर्स द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। इन ड्रोन्स को रूस के अंदर गुप्त रूप से ले जाया गया। इसके लिए खास तरह के ट्रकों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें लकड़ी के केबिन्स बने थे। इन केबिन्स की छतें रिमोट से खुलती थीं और फिर ड्रोन हवा में उड़कर पास के सैन्य ठिकानों पर हमला करते थे।

ये ड्रोन कई दिशाओं से एक साथ भेजे गए, जिससे रूस के रडार सिस्टम को चकमा देना आसान हो गया। इस हमले में रूस के पांच हवाई अड्डों मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाजान और अमूर क्षेत्रों में को निशाना बनाया गया। यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में 41 रूसी विमान, जिनमें TU-95, TU-22M3 और A-50 जैसे स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स शामिल थे, नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए। यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस (SBU) के दावा किया कि इस हमले से रूस को करीब 7 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।

जेलेंस्की की नजर में क्यों खास है यह हमला?

जेलेंस्की ने इस ऑपरेशन को ‘इतिहास की किताबों में दर्ज होने वाला’ बताया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन सिर्फ सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं था, बल्कि यह दिखाता है कि यूक्रेन की तकनीक और रणनीति रूस से कहीं बेहतर है।” 

न्यूज वेबसाइट द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट में जेलेंस्की के हवाले से कहा गया, “यूरोप और अमेरिका के पास रूस से बेहतर हथियार हैं और हमारी रणनीति भी उनसे ज्यादा मजबूत है। ऑपरेशन स्पाइडर वेब इसका सबूत है।”

जेलेंस्की ने यह भी बताया कि इस हमले में शामिल सभी यूक्रेनी ऑपरेटर्स को रूस की जमीन से सुरक्षित निकाल लिया गया। उन्होंने कहा, “हमने अपने लोगों को समय रहते सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया।” साथ ही, जेलेंस्की ने इस हमले को रूस के लिए ‘जायज और उचित’ नुकसान बताया, क्योंकि यह उन ठिकानों पर किया गया जो यूक्रेन पर हमले के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।

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हमले का समय और शांति वार्ता का कनेक्शन

यह हमला ऐसे समय में हुआ जब यूक्रेन और रूस के बीच इस्तांबुल में शांति वार्ता शुरू होने वाली थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यूक्रेन ने इस ऑपरेशन की जानकारी पहले से ही ट्रंप प्रशासन को दे दी थी, हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इसकी पहले से जानकारी नहीं थी। 

जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला रूस को यह संदेश देता है कि यूक्रेन अपनी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस की ओर से वार्ता में गंभीरता न दिखाने पर और सख्त प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। जेलेंस्की ने कहा, “हम शांति के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर इस्तांबुल की वार्ता से कुछ हासिल नहीं हुआ, तो रूस को और सजा मिलनी चाहिए।”

रूस ने इस हमले के बाद क्या कहा?

रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को ‘आतंकी हमला’ करार दिया। रूस ने दावा किया कि उसने इवानोवो, रियाजान और अमूर क्षेत्रों में सभी ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया। हालांकि, मरमंस्क और इरकुत्स्क में कुछ विमानों में आग लगने की बात स्वीकारी गई। रूस ने कहा कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन यूक्रेन के दावों और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, रूस को भारी नुकसान हुआ।

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ऑपरेशन की तकनीकी खासियत

न्यूज वेबसाइट CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में इस्तेमाल हुए FPV ड्रोन्स की खासियत थी उनकी सटीकता और गुप्त तरीके से काम करने की क्षमता। ये ड्रोन छोटे और हल्के थे, जिन्हें ट्रकों में छिपाकर ले जाया गया। इन ड्रोन्स को रिमोटली लॉन्च करने की तकनीक ने रूस की रक्षा प्रणाली को चकमा दे दिया। डिफेंस एक्सपर्ट पीटर लेटन ने CNN से कहा कि इस हमले से रूस की स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स की ताकत कमजोर हुई है, जो क्रूज मिसाइलों को ले जाने में सक्षम थे।

First Published - June 2, 2025 | 6:35 PM IST

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