Donald Trump pauses military aid to Ukraine: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यूक्रेन (Ukraine) को दी जाने वाली सभी सैन्य मदद (all military aid) पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब ओवल ऑफिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) के साथ हुई तीखी बहस के बाद दोनों देशों के संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप चाहते हैं कि यूक्रेन की सरकार पहले शांति के प्रति अपनी गंभीर प्रतिबद्धता दिखाए।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि अमेरिका की ओर से यूक्रेन भेजे जा रहे सभी सैन्य उपकरणों पर रोक लगा दी गई है। इसमें वे हथियार भी शामिल हैं जो जहाजों और विमानों से भेजे जा रहे थे या पोलैंड के ट्रांज़िट क्षेत्रों में इंतजार कर रहे थे। ट्रंप ने रक्षा सचिव पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) को इस रोक को लागू करने का निर्देश दिया है।
ट्रंप चाहते हैं कि रूस के तीन साल पुराने आक्रमण से शुरू हुआ युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो। हालांकि, जब ज़ेलेंस्की ने पिछले हफ्ते ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान सुरक्षा गारंटी की मांग की, ताकि रूस किसी भी समझौते का उल्लंघन न करे, तो ट्रंप नाराज हो गए। उन्होंने ज़ेलेंस्की से कहा कि वह तब वापस आएं, जब वास्तव में शांति के लिए तैयार हों।
इस फैसले के बाद यूरोपीय सहयोगी देशों ने तेजी से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई जारी रखने और किसी समझौते के तहत शांति सैनिक (peacekeepers) भेजने की योजना बनानी शुरू कर दी। हालांकि, यूरोप के पास वे हथियार और क्षमताएं नहीं हैं, जो फिलहाल अमेरिका उपलब्ध करा रहा है। सहयोगी देशों के अधिकारियों ने कहा है कि हथियारों की सप्लाई केवल गर्मियों तक चलने की संभावना है।
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ट्रंप के आदेश से कुल कितनी सहायता प्रभावित होगी, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका। ट्रंप के कार्यभार संभालने के समय पिछली प्रशासन से 3.85 अरब डॉलर की राशि शेष थी, जो अमेरिकी भंडार से हथियार देने की प्रेसिडेंशियल ड्रॉडाउन अथॉरिटी के तहत थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन वास्तव में यह धनराशि यूक्रेन के लिए इस्तेमाल करेगा या नहीं, खासकर तब जब अमेरिका के हथियार भंडार कम हो रहे हैं और उन्हें फिर से भरने की जरूरत है।
सोमवार (3 मार्च) का यह फैसला सिर्फ फंडिंग खत्म होने तक इंतजार करने से आगे बढ़कर, पहले से जारी या भेजी जा रही सहायता को भी रोक सकता है। इसमें जरूरी गोला-बारूद, सैकड़ों गाइडेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम, एंटी-टैंक हथियार और अन्य रक्षा उपकरणों की आपूर्ति शामिल है। अगर मौजूदा रक्षा अनुबंध रद्द किए जाते हैं, तो अमेरिका को उन कंपनियों को मुआवजा देना पड़ सकता है, जिन्होंने पहले ही ऑर्डर पूरा करने का काम शुरू कर दिया है।
अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक समझौता होने वाला था, जिससे अमेरिका को युद्धग्रस्त यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों से भविष्य में होने वाली आय में बड़ा हिस्सा मिलता। हालांकि, यह समझौता शुक्रवार की बैठक के बाद टूटता हुआ नजर आया।