शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण खाद्य क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हल्दीराम में हिस्सेदारी बिक्री की योजना अटक गई है। बाजार में गिरावट के बीच खरीदारों को कंपनी का मूल्यांकन ज्यादा लग रहा है। इसलिए वे इस सौदे की शर्तों पर नए सिरे से बातचीत करना चाहते हैं। बैंकरों के अनुसार, अमेरिका की प्रमुख निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन काफी अधिक मूल्यांकन का हवाला देते हुए इस सौदे से पीछे हट चुकी है।
सिंगापुर की टेमासेक 10 से 11 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर कंपनी में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही थी। मगर पिछले छह महीनों के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 15 फीसदी एवं एनएसई निफ्टी में 15.6 फीसदी की गिरावट के कारण उसकी चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा उपभोग मांग में नरमी ने भी संभावित खरीदारों को चिंतित कर दिया है।
मामले से अवगत एक अन्य सूत्र ने कहा कि कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के कारण इस खाद्य कंपनी की मुनाफा कमाने की क्षमता घटी है। सौदे के मूल्यांकन पर भी उसका असर दिखा है। अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘अब यह खरीदार का बाजार हो गया है। शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट और रुपये में कमजोरी ने सभी क्षेत्रों में मूल्यांकन को प्रभावित किया है।’
कैलेंडर वर्ष 2025 के पहले दो महीनों के दौरान अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कई विलय-अधिग्रहण सौदे हुए। इसलिए मूल्य के लिहाज से लेनदेन 17.75 फीसदी बढ़कर 14.73 अरब डॉलर तक पहुंच गए। दिसंबर 2024 तिमाही के दौरान वाहन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स एवं कंज्यूमर स्टेपल, रियल एस्टेट और रिटेल जैसे उपभोक्ता केंद्रित क्षेत्रों की अधिकतर कंपनियों के मार्जिन में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई।
हल्दीराम ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। ब्लैकस्टोन और टेमासेक ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया। हल्दीराम के प्रवर्तक अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए पिछले दो वर्षों में टाटा सहित तमाम कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे थे। निजी इक्विटी फर्मों के सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान पूरे अधिग्रहण के लिए कई प्रस्ताव दिए गए। मगर प्रवर्तक कंपनी पर अपना नियंत्रण बरकरार रखना चाहते थे और इसलिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले के सौदे के तहत केवल अल्पांश हिस्सेदारी की पेशकश की गई थी।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, सितंबर 2023 में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रही थी। मगर प्रवर्तकों ने कीमत इतनी ज्यादा बताई कि सौदा नहीं हो पाया। हल्दीराम ने बेन कैपिटल जैसी निजी इक्विटी फर्मों के साथ भी बातचीत की लेकिन कोई खास नतीजा नहीं निकल पाया। बैंकरों ने कहा कि प्रवर्तक परिवार के कुछ सदस्यों में इस बात पर भी मतभेद है कि कितनी हिस्सेदारी बेची जाए।
प्रवर्तक अग्रवाल परिवार भारत में तीन अलग-अलग हल्दीराम उपक्रमों का संचालन करता है। दिल्ली, नागपुर और कोलकाता की शाखाएं संस्थापक ब्रांड के तहत स्वतंत्र कारोबार करती हैं। मगर दिल्ली और नागपुर के परिवारों ने हल्दीराम फूड इंटरनैशनल (एचएफआईपीएल) और हल्दीराम दिल्ली समूह की इकाई हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड के एफएमसीजी कारोबार को एक नई कंपनी हल्दीराम स्नैक्स फूड्स प्राइवेट (एचएसएफपीएल) में विलय करने पर सहमति जताई है। इसी कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री की बात हो रही है।
विलय शर्तों के अनुसार, एचएसपीएल दिल्ली और एचएफआईपीएल नागपुर के मौजूदा शेयरधारकों की नई कंपनी में क्रमश: 56 फीसदी और 44 फीसदी हिस्सेदारी होगी। लेनदेन पूरा होने के बाद एचएसएफपीएल पूरे हल्दीराम समूह के उपभोक्ता उत्पाद कारोबार को संभालेगी। समूह के रेस्तरां कारोबार को एक अलग कंपनी के तौर पर इस सौदे से अलग रखा गया है। उसे बेचने की योजना नहीं है।
फ्रॉस्ट ऐंड सुलिवन की रिपोर्ट के अनुसार, 19,300 करोड़ रुपये के देसी स्वादिष्ट एवं पश्चिमी स्नैक्स बाजार में हल्दीराम (दिल्ली एवं नागपुर) 36 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। हल्दीराम स्नैक्स को वित्त वर्ष 2023 में समेकित आधार पर 6,375 करोड़ रुपये की आय हुई जो वित्त वर्ष 2022 में हुई 5,195 करोड़ रुपये की आय से अधिक है। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध लाभ 74 फीसदी बढ़कर 593 करोड़ रुपये हो गया।
हल्दीराम फूड्स इंटरनैशनल की समेकित शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 में 10.9 फीसदी बढ़कर 4,551 करोड़ रुपये हो गई। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2024 में उसका शुद्ध लाभ बढ़कर 597 करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2023 में 436 करोड़ रुपये रहा था।