facebookmetapixel
भारत ने जीता पहला महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप, खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू में 35% तक उछालप्राइवेट इक्विटी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर KKR की नजर, भारत में लंबी पारी खेलने को तैयारकच्चे तेल का आयात अमेरिका से बढ़ा, रूस से सप्लाई दमदारप्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के ‘RDI फंड’ की शुरुआत की, प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावावोडाफोन आइडिया को राहत! 2017 तक के एजीआर बकाये का होगा नए सिरे से आकलनEditorial: मौद्रिक नीति में पारदर्शिता जरूरी, RBI को सार्वजनिक करनी चाहिए रिपोर्टशहरी संकट: स्थानीय निकायों को वास्तविक स्वायत्तता और जवाबदेही देना समय की मांगसरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का घाटा किया कम, फिर भी 900 रुपये प्रति कट्टे का नुकसान होने की आशंकासर्विस सेक्टर में सबसे आगे चंडीगढ़ और दिल्ली, सेवा केंद्रित हैं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यबिहार में बटाईदार, क्या पाएंगे कानूनी अधिकार

BRICS Summit में निर्मला सीतारमण ने संरचनात्मक सुधारों और विकासशील देशों की आवाज पर दिया जोर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिक्स बैठक में संरचनात्मक सुधारों जलवायु न्याय और विकासशील देशों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से रखा।

Last Updated- July 07, 2025 | 10:56 PM IST
nirmala sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण | फाइल फोटो

ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि व्यापार और वित्तीय नीतियां बाजार विविधीकरण, बुनियादी ढांचा विकास को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता एवं उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए संरचनात्मक सुधारों को लागू करने पर केंद्रित है।

यह बैठक 5 जुलाई को रियो डी जनेरियो में आयोजित की गई थी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के इस दृष्टिकोण पर जोर दिया कि ब्रिक्स समावेशी बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण मंच है। निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा, ‘विशेष रूप से जब वैश्विक संस्थाएं वैधता और प्रतिनिधित्व के संकट का सामना कर रही हैं, तो ब्रिक्स को आपसी सहयोग को मजबूत करते हुए विश्वसनीय सुधारों के साथ विकासशील देशों की आवाज को आगे बढ़ाकर उदाहरण पेश करना चाहिए।’

वित्त मंत्री ने कहा कि जलवायु और विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में दक्षिण-दक्षिण सहयोग महत्त्वपूर्ण बना हुआ है, लेकिन विकासशील देशों से यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि वे जलवायु कार्रवाई का मुख्य बोझ उठाएं। उन्होंने कहा, ‘ब्रिक्स देश सतत विकास पर सहयोग को मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।’ वित्त मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने मजबूत घरेलू मांग, विवेकपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक प्रबंधन और लक्षित राजकोषीय उपायों के संयोजन से आर्थिक मोर्चे पर लचीलापन प्रदर्शित किया है।

First Published - July 7, 2025 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट