facebookmetapixel
डायबिटीज के लिए ‘पेसमेकर’ पर काम कर रही बायोरैड मेडिसिसMeta-WhatsApp डेटा साझेदारी मामले में सीसीआई ने एनसीएलएटी से मांगा स्पष्टीकरणशांघाई सहयोग संगठन की बैठक में बोले जयशंकर, आर्थिक संबंधों का हो विस्तारसीमेंट ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे की नई टर्मिनल नीति लागू, पांच साल में हिस्सेदारी 50% तक लाने का लक्ष्यकर्नाटक ने स्पेसटेक पॉलिसी लॉन्च की, 2034 तक भारत के अंतरिक्ष बाजार में 50% हिस्सेदारी का लक्ष्यछोटे शहरों में नए होटलों को टैक्स लाभ देने की मांग तेज, FHRAI ने बजट 2026 में रखा बड़ा प्रस्तावविकसित देशों से जलवायु प्रतिबद्धता निभाने की अपील, भूपेंद्र यादव ने COP30 में रखी अपनी मांगबिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025: उत्तर प्रदेश में निवेश व विकास पर मंथन 19 नवंबर कोडिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए बनेगा दुनिया का पहला IDPIC, बैंकिंग सुरक्षा में आएगा बड़ा बदलावबजट 2026-27 से पहले कंपनियों की बड़ी मांग: डिमर्जर प्रक्रिया को कर-मुक्त बनाया जाए

UNSC के नौ सदस्यों ने म्यामां सेना से नागरिकों पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया 

अप्रैल 2021 में सेना के सत्ता पर काबिज से देश में छिड़े गृहयुद्ध के बाद इस योजना को अपनाया गया था।

Last Updated- February 06, 2024 | 7:29 PM IST
UNSC के नौ सदस्यों ने म्यामां सेना से नागरिकों पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया , Nine UNSC members urge Myanmar army to stop air strikes on civilians

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नौ सदस्यों ने म्यामां की सेना द्वारा नागरिकों पर ‘अंधाधुंध’ हवाई हमलों की निंदा की। इससे पहले एक दूत ने क्षेत्रीय प्रयासों के तहत शांति योजना लागू करने को लेकर परिषद को जानकारी दी। हालांकि, यह योजना अब तक काफी हद तक अप्रभावी रही है। 

अप्रैल 2021 में सेना के सत्ता पर काबिज से देश में छिड़े गृहयुद्ध के बाद इस योजना को अपनाया गया था। इस योजना के तहत म्यामां में हिंसा को तत्काल रोकने, सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत, दक्षिण पूर्व एशियाई संघ के एक विशेष दूत द्वारा मध्यस्थता का आह्वान किया गया था। इसके अलावा इसमें आसियान चैनलों के माध्यम से मानवीय सहायता का प्रावधान, और सभी संबंधित पक्षों से मुलाकात करने के लिये एक विशेष दूत द्वारा म्यामां के दौरे पर जाने की भी बात थी। 

इस वर्ष के आसियान अध्यक्ष, लाओस से म्यांमार के विशेष दूत एवं संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रह चुके वरिष्ठ राजनयिक अलौंकेओ किट्टीखौन ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 10 सदस्यीय संघ की ओर से परिषद की बंद कमरे में हुयी बैठक को संबोधित किया। बैठक से जुड़े परिषद के राजनयिक के अनुसार, किट्टीखौन ने म्यांमा में शांति के लिए आसियान की ‘पांच-सूत्री सहमति’ को ‘शांत कूटनीति’ के माध्यम से लागू करने की प्रतिबद्धता जतायी। 

Also read: Britain के किंग चार्ल्स III को हुआ कैंसर, दुनियाभर के नेताओं ने की शीघ्र स्वस्थ होने की कामना

म्यांमा के सैन्य नेतृत्व ने अब तक इस योजना की अनदेखी की है और देश में हिंसा एवं मानवीय संकट तेजी से बढ़ रहा है। परिषद की बैठक से पहले (परिषद के) 15 सदस्यों में से नौ ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत बारबरा वुडवर्ड द्वारा पढ़े गए एक बयान का समर्थन करने के लिए पत्रकारों के समक्ष आये थे, जिसमें आसियान के आह्वान को दोहराया गया था। आसियान ने म्यांमा के सशस्त्र बलों से हमलों ‘विशेष रूप से, नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचों को निशाना बनाने से रोकने का’ आग्रह किया था। 

सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सत्ता हथिया ली थी । इसके बाद से देश सशस्त्र लोकतंत्र समर्थक प्रतिरोध आंदोलन का सामना कर रहा है जिसे जातीय अल्पसंख्यक लड़ाकू बलों की ओर से सहायता प्राप्त है। 

तीन जातीय अल्पसंख्यक सशस्त्र समूहों द्वारा अक्टूबर के अंत में एक बड़ा हमला शुरू करने के बाद सेना ने हवाई हमले तेज कर दिए थे, जिसमें चीन के साथ व्यापार के लिए प्रमुख सीमा पार के साथ-साथ देश के उत्तर-पूर्व के कस्बों पर कब्जा कर लिया गया। 

परिषद के नौ सदस्यों – इक्वाडोर, फ्रांस, जापान, माल्टा, दक्षिण कोरिया, स्लोवेनिया, स्विट्जरलैंड, युनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका – ने कहा कि, सैन्य अधिग्रहण के तीन साल बाद, 1.8 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और 26 लाख लोग विस्थापित हैं। 

First Published - February 6, 2024 | 7:29 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट